जनता की सेवा में पुलिसकर्मी दिन के 24 घंटे और सप्ताह के सात दिन मुस्तैद रहते हैं। सभी विभाग के कर्मचारियों को सप्ताह में एक अथवा दो दिन का अवकाश मिलता है। लगातार कार्य की अधिकता से मानसिक तनाव और शारीरिक दक्षता में गिरावट आती है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने पुलिसकर्मियों को एक और तोहफा दिया है। उन्होंने साप्ताहिक अवकाश को बाकी चार जिलों में भी एक मई से लागू करने की मंजूरी दे दी है। कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल के लिए यह सुविधा फिलहाल ट्रायल के रूप में नौ पहाड़ी जनपदों में लागू थी।
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यह निर्णय मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित अधिकारियों के साथ कांफ्रेंस में लिया गया। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि लंबे समय से पुलिस अधिकारियों के साथ कोई कांफ्रेंस नहीं हुई थी। इस बार प्रदेश के सभी अधिकारी इसमें शामिल हुए थे। उन सभी से कहा गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कार्य की गुणवत्ता में बढ़ोतरी करें। इसके अलावा अधिकारियों से यह जानकारी भी ली गई है कि उन्हें मुख्यालय से क्या-क्या अपेक्षाएं हैं। इस दौरान कई तरह के मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें से कई में सहमति दी गई है।
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पुलिसकर्मियों को मानसिक राहत दिए जाने के लिए अवकाश की बात लंबे समय से की जा रही थी। पिछले दिनों प्रदेश के नौ पहाड़ी जनपदों में पुलिस चौकियों और थानों में तैनात कांस्टेबल और हेड कांस्टेबलों के लिए साप्ताहिक अवकाश का ट्रायल शुरू किया गया था। यह उम्मीदों पर खरा उतरा है। लिहाजा, देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में भी कांस्टेबल और हेड कांस्टेबलों के लिए यह सुविधा एक मई से लागू की जाएगी। यह अवकाश उनके ड्यूटी प्रभारी ही रोटेशन के आधार पर तय करेंगे।