उत्तराखंड

उत्तराखंड के जंगलों में वनाग्नि की घटनाएं बढ़ी, 188 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ

उत्तराखंड के जंगल धधक रहे हैं और वन विभाग के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। शुष्क मौसम के चलते जंगल में आग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। दो दिन के भीतर प्रदेश में आग की 40 घटनाएं हुईं। जिनमें कुल 48 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा। इसके साथ ही फायर सीजन (15 फरवरी से) में अब तक कुल 173 घटनाओं में 188 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है। अब रिहायशी क्षेत्रों के पास भी जंगल की आग पहुंचने लगी है।

राज्यभर में पिछले 24 घंटे में वनाग्नि की 31 घटनाएं सामने आई हैं। जिसमें सबसे अधिक 18 घटनाएं कुमाऊं और 11 घटनाएं गढ़वाल मंडल के जंगलों की हैं। वन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इससे 38 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। न विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे में वन प्रभाग उत्तरकाशी के आरक्षित क्षेत्र में दो, वन पंचायत में एक, मसूरी वन प्रभाग में तीन, वन पंचायत में एक, चकराता वन प्रभाग के तहत वन पंचायत में तीन, लैंसडाउन वन प्रभाग आरक्षित क्षेत्र में एक, नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क वन प्रभाग आरक्षित वन क्षेत्र में एक आग की घटना हुई है।

इसके अलावा नैनीताल वन प्रभाग, रामनगर वन प्रभाग, सिविल सोयम अल्मोड़ा वन प्रभाग, हल्द्वानी वन प्रभाग समेत कुछ अन्य वन प्रभागों में भी जंगल आग से धधक रहे हैं। जंगलों को आग से बचाने के लिए हर साल की तरह इस साल भी वन विभाग की ओर से मैराथन बैठकें की गई थी, लेकिन जंगलों में आग की घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही है। एक नवंबर 2023 से अब तक वनाग्नि की 164 घटनाओं में 178 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

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