आम दिनों में देहरादून के बलबीर रोड स्थित जिस भाजपा प्रदेश कार्यालय में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी रहती है लेकिन बीती रविवार का माहौल काफी सन्नाटे से भरा हुआ था। न कोई बड़े पदाधिकारी दफ्तर आए और न ही उतनी संख्या में कार्यकर्ता। सुबह करीब 11.30 बजे भाजपा नेता विनय गोयल अपने दफ्तर पहुंचे। इसके बाद महानगर की कार्यकारिणी के कुछ सदस्य भी दफ्तर आए। भाजपा के नेता कुंवर जपिंदर की गाड़ी आकर रुकी, वह सीधे भीतर चले गए। इसके बाद इक्का-दुक्का पदाधिकारी आते रहे और जाते रहे लेकिन सभी के लब खामोश थे।
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सियासी घटनाक्रम को लेकर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था। पूरे मामले में सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर चल रही चर्चाओं को लेकर भी सबने खामोशी का लबादा ओढ रखा है। अंदरखाने बात कुछ भी हो लेक़िन आपसी कलह या किसी तरह की उठापटक का कोई भाव किसी भी पदाधिकारी या कार्यकर्ता के चेहरे पर नजर नहीं आया। वहीँ इस घटनाक्रम पर कांग्रेस लगातार बीजेपी पर निशाना साध रही है। उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि मात्र नेतृत्व परिवर्तन से भाजपा के पाप धुलने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अब तक विपक्ष सरकार के चार साल के कार्यकाल को असफल बता रहा था, अब सत्ताधारी दल के विधायकों ने भी इस पर मुहर लगा दी है।
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प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में रविवार को पत्रकारों से मुखातिब प्रीतम सिंह ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन भाजपा का अंदरूनी मामला है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने उत्तराखंड की जनता का अपमान किया है। जनता ने भाजपा को प्रचंड बहुमत एवं डबल इंजन वाली सरकार दी, लेकिन कदम-कदम पर जनता को निराशा मिली है। बेरोजगारी से युवा वर्ग निराश है। महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं। किसान आत्महत्या को मजबूर हैं। जिला विकास प्राधिकरण, भू-कानूनों में बदलाव, देवस्थानम बोर्ड का गठन, बढ़ती महंगाई और लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से जनता में रोष है। सदन में कोई भी मंत्री प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दे पाया। हर मुद्दे पर या तो हास्यास्पद जवाब मिला या मंत्री घिरते दिखाई दिए।
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