केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खुलने वाले हैं। बाबा केदार की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से धाम के लिए 3 दिन पहले ही प्रस्थान कर देती है। चारधाम यात्रा में केदारनाथ रावल के पहुँचने पर पहले आशंका बनी हुई थी लेकिन कुछ दिन पहले महाराष्ट्र सरकार की तरफ से रावल भीमाशंकर को यात्रा के लिए छूट दे दी गयी थी। जिसके बाद अब वो रविवार यानी आज ऊखीमठ पहुँच चुके हैं। यात्रा शुरू होने से पहले केदारनाथ धाम की कपाट पूजा के लिए रावल भीमाशंकर लिंग अपने सेवादारों के साथ उत्तराखंड पहुंच गए हैं।
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रविवार को ऊखीमठ पहुंचने पर प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर सबसे पहले उनका हाल जाना है। इसके साथ ही रावल समेत अन्य सभी पांच सेवादारों को भी होम क्वारंटीन कर दिया गया है। पिछली जानकारी के अनुसार ये कहा जा रहा था कि रावल को 14 दिन के क्वारंटाइन किया जाएगा। देवास्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने बताया कि दोनों धामों के रावल के उत्तराखंड पहुंचने पर केंद्र की गाइड लाइन के अनुसार जांच होगी। इसके बाद शासन स्तर से तय होगा कि उन्हें कहां क्वारंटाइन किया जाए।
अब अगर ऐसा किया जाता है तो एक बड़ा सवाल यह उठकर सामने आ गया है कि फिर इनकी अनुपस्थिति में कैसे केदारनाथ की डोली को ऊखीमठ से केदारनाथ के लिए रवाना किया जाएगा और कौन उनके स्थान पर पूजा-अनुष्ठान करेगा? आपको बता दें श्री केदारनाथ धाम में सामान्य रूप में भी पूजा अर्चना में रावल की ओर से नामित वेदपाठी की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण रहती है। रावल केदारनाथ धाम के साथ ही ऊखीमठ ओकांरेश्वर मंदिर में भी विराजते हैं। ऐसे में अब यह महत्वपूर्ण हो गया है कि इस बार किस तरह का निर्णय लिया जाएगा।