पूरी दुनियां के साथ-साथ उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण की मार अब तक ऐसी रही है कि निकट भविष्य में इससे उभरने के आसार अब तक नजर नहीं आ रहे हैं। उत्तराखंड की बात करैं तो यहाँ के लगभग आधे लोगों को रोजगार चारधाम यात्रा की वजह से ही चलता है लेकिन अब इस बार स्थिति बहुत ही भायावह रहने के संकेत मिल रहे हैं। पर्यटन व्यवसायिओं के अनुसार उनके पास जो मई और जून महीने की बुकिंग थी वो सब अब तक कैंसिल की जा चुकी हैं और सभी पयर्टन व्यवसायी इन दिनों यात्रिओं का पैंसा वापस करने में ही लगे हुए हैं।
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अब तक इस बात पर संशय जताया जा रहा था कि क्या कपाट खुलने से पहले केदारनाथ के रावल उत्तराखंड और केदारनाथ पहुँच पायेंगे? तो अब एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है क्यूंकि भगवान आशुतोष के ग्याहरवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के रावल 1008 भीमा शंकर लिंग 29 अप्रैल को धाम के कपाटोद्घाटन से पहले ही ऊखीमठ पहुंच जाएंगे। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें उत्तराखंड आने की अनुमति दे दी है। हालांकि अभी ये तय नहीं है कि वह उत्तराखंड तक कैसे आएंगे। रावल ने बताया कि वे इन दिनों नांदेड़ (महाराष्ट्र) में हैं।
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रावल ने महाराष्ट्र सरकार से ऊखीमठ जाने की अनुमति मांगी थी, जो उन्हें अब मिल गई है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की सभी परंपराएं रावल की मौजूदगी में होती हैं। इस बार भी रावल पंचकेदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से बाबा केदार की पंचमुखी भोगमूर्ति की चल विग्रह उत्सव डोली के साथ केदारनाथ पहुंचेगे। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि अगर रावल यहाँ नहीं पहुँच पाते हैं तो किस तरह से इस बार केदारनाथ की डोली को ऊखीमठ से केदारनाथ लेकर जा सकते हैं। लेकिन अब रावल भीमाशंकर ने खुद बताया कि वे 20 अप्रैल तक ऊखीमठ पहुंच जाएंगे।