Home देहरादून देहरादून: भगतसिंह कॉलोनी में स्टूल से गिरी 6 साल की बच्ची की...

देहरादून: भगतसिंह कॉलोनी में स्टूल से गिरी 6 साल की बच्ची की इलाज नहीं मिलने से मौत

भगतसिंह कॉलोनी में स्टूल से गिरकर चोटिल हुई छह साल की मासूम की उपचार नहीं मिलने से मौत हो गई। इस कॉलोनी को कोरोना के चलते पाबंद किया गया है। आरोप है कि पुलिस ने बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जाने दिया। 112 से भी मदद नहीं मिली। हालात बिगड़ने पर छह दिन बाद चोरी-छिपे बच्ची को अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

छह साल की अक्षा पुत्र मोहम्मद आजम नौ अप्रैल दोपहर ढाई बजे घर में स्टूल से गिर गई। तब परिजनों ने रोती बच्ची को चुप करा दिया। कहीं चोट भी नहीं दिखी। रात में पैर में दर्द होने लगा। वह पूरी रात दर्द से तड़पती रही। अगले दिन सुबह 112 नंबर पर फोन कर मदद मांगी। बताया गया कि रायपुर पुलिस आपसे संपर्क करेगी, लेकिन न थाने से कोई आया और न पुलिस का फोन आया।

यह भी पढें: उत्तराखंड से बड़ी खबर: 2 और कोरोना positive की पुष्टि, आंकड़ा पहुंचा 37

बैरिकेडिंग पर खड़े दारोगा जी से मदद मांगी तो उन्होंने मोहल्ले में तैनात मेडिकल टीम को दिखाने के कह दिया। मोहल्ले में डॉक्टर ने भी दूर से ही नजर मारी और दवाईयां देकर घर भेज दिया। अक्षा की तबियत बिगड़ती चली गई। बुधवार सुबह अचानक उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई। 108 एंबुलेंस को मदद के लिए दो बार फोन किया, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला।

कॉलोनी के रास्ते पर लगी बैरिकेडिंग से बाहर वैसे ही नहीं जाने दे रहे थे। फिर पिता पुलिस से बचकर बच्ची को दून अस्पताल ले गए। यहां गेट से ही कोरोनेशन अस्पताल जाने को कह दिया। जब कोरोनशन पहुंचे तो बच्ची की मौत हो चुकी थी। इंमरजेंसी के तैनात डॉक्टरों ने वहीं फोर्टिस में दिखाने के लिए परिजनों को कहा। वह सीढ़ियां चढ़कर फोर्टिस के डॉक्टर के पास भी पहुंचे, लेकिन अक्षा मर चुकी थी।

यह भी पढें: उत्तराखण्ड: मकान मालिक द्वारा नही लिया जाएगा किराया, प्राइवेट नौकरी करने वालों को भी मिलेगी पूरी तन्खाह

नदी के रास्ते कॉलोनी से निकले पिता

मृतक बच्ची के पिता का कहना है कि उन्होंने बुधवार सुबह 108 पर दो बार फोन किया। वहां से कई जवाब नहीं मिला। इसके बाद बच्ची को उपचार दिलाने की उम्मीद में उसे गोद में लेकर नदी के रास्ते पुलिस से छिपते हुए प्रतिबंधित इलाके से बाहर डाक्टर के पास पहुंचे।

यह घटना दुर्भाग्य पूर्ण है। प्रतिबंधित क्षेत्र में सभी विभागों के इमरजेंसी संपर्क नंबरों के पोस्टर लगाए जाएंगे। आगे किसी को दिक्कत हो तो वह कई विभागों से संपर्क कर पाएंगे।

डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव, जिलाधिकारी

यह भी पढें: रुद्रप्रयाग में तैनात पहाड़ की इस बेटी ने कोरोना के कारण शादी की स्थगित, पेश की नयी मिसाल

 


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here