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उत्तराखण्ड: बच्चे के नामकरण पर दुबई से लौटा था प्रधान पति… फिर महिला ने जो किया “काबिले तारीफ”

उत्तराखंड में प्रवासियों का आने का सिलसिला अभी जारी है। प्रवासियों के आने के बाद प्रदेश का कोई जिला कोरोना मरीजों से अछूता नहीं रहा। प्रदेश में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। ऐसे में बाहरी राज्य या विदेशों से आने वाले लोगों को स्कूलों, पंचायत घरों और घरों में क्वारंटीन किया जा रहा है। गौलापार में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया। जहां ग्राम प्रधान ने अपनी जागरूकता का परिचय देते हुए लोगों के लिए मिसाल भी कायम की। हाल ही में ग्राम प्रधान पुष्पा भट्ट ने एक बच्चे को जन्म दिया। गुरुवार को नामकरण संस्कार था ऐसे में बच्चे का पिता भी दुबई से गांव लौटा। लेकिन ग्राम प्रधान पुष्पा भट्ट ने उसे सीधे घर आने के बजाय स्कूल में क्वारंटीन करा दिया।

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नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील के जगतपुर ग्राम प्रधान पुष्पा भट्ट का इंजीनियर पति सात महीने बाद दुबई से खुशियों में शामिल होने आया था, लेकिन प्रधान होने जिम्मेदारी निभाते हुए पुष्पा ने गांव के अंदर एंट्री देने की बजाय पति को प्राइमरी स्कूल में क्वारंटाइन करना बेहतर समझा। कोरोना काल के नियमों को देखते हुए पति ने भी अपनी जिम्मेदारी समझी और बैग उठाकर सीधे स्कूल चला गया। जगतपुर निवासी योगेश भट्ट मर्चेंट नेवी में इंजीनियर के पद पर तैनात है। दुबई से मुंबई पहुंचने के बाद योगेश 14 दिन वहीं क्वारंटाइन रहा। उसका कोविड टेस्ट भी करवाया। जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। ग्राम प्रधान पुष्पा भट्ट ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए पति से कहा कि जब बाहर से आए अन्य लोगों को वह क्वारंटाइन हो रहे है तो खुद भी इस नियम का पालन करना चाहिए। जिसके बाद योगेश सामान लेकर जगतपुर के प्राइमरी स्कूल पहुंचा और 14 दिन के लिए क्वारंटाइन हो गया। महिला ग्राम प्रधान पुष्पा के इस निर्णय की पूरा गांव सराहना कर रहा है।

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