Home उत्तराखंड डीएम मंगेश घिल्डियाल की पहल पर निर्णय, इस बार कुछ इस तरह...

डीएम मंगेश घिल्डियाल की पहल पर निर्णय, इस बार कुछ इस तरह से जायेगी बाबा केदार की डोली

कोरोना संक्रमण का असर अब बाबा केदारनाथ की डोली यात्रा पर भी पढ़ गया है, जहाँ विगत वर्षों तक बड़ी धूमधाम से केदार बाबा की डोली ओंकारेश्वेर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ जाती थी और जगह-जगह कुछ रात्रि पड़ाव भी होते थे लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है। आगामी 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने हैं। इससे पहले 26 अप्रैल को बाबा केदार की चल विग्रह उत्सव डोली शायद इतिहास में पहली बार पैदल न ले जाकर ऊखीमठ से सीधे वाहन के जरिए गौरीकुंड ले जाया जाएगा। यहां डोली को रात्रि विश्राम दिया जाएगा।

यह भी पढ़िए: उत्तराखण्ड: पुलिस को चकमा देकर काली नदी में कूदे 9 नेपाली मजदूर, तैरकर पहुंचे नेपाल

इसके बाद अगले दिन यानी 27 अप्रैल को ही केदारनाथ की डोली गौरीकुंड से केदारनाथ धाम पहुंच जाएगी। 29 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर मेष लग्न में मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। बाबा केदार की डोली को वाहन से सीधे गौरीकुंड ले जाए जाने की वजह से मार्ग में भक्त डोली के दर्शन भी नहीं कर सकेंगे। और 27 तारिख को ही केदारनाथ की डोली पहुंचने का मतलब ये है कि इस बार यात्रा शुरू होने से दो दिन पहले ही बाबा अपने धाम पहुँच जायेंगे। कोरोना संक्रमण की आशंका और शारीरिक दूरी के नियम पालन को देखते हुए बाबा केदार की डोली को इस तरह ले जाने का निर्णय हुआ है।

यह भी पढ़िए: जब 60 से जनसंघ से जुड़े मोहन लाल बौठियाल को आज यकीन नही हुआ कि PM उनसे बात कर रहे

ये सारा निर्णय डीएम मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में बुधवार को तहसील सभागार में पंचगाईं दस्तूरदारों, आचार्यगणों, ग्रामीणों, गौंडारी हक-हकूकधारियों, तीर्थ समाज के प्रतिनिधियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक में लिया गया है। बात अगर विगत वर्षों की करैं तो उसके मुताबिक शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ से प्रस्थान कर बाबा केदार की डोली को गुप्तकाशी होते हुए रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव फाटा पहुंचना था। इसके बाद 27 अप्रैल को फाटा से प्रस्थान कर डोली सीतापुर, रामपुर, सोनप्रयाग होते हुए रात्रि प्रवास के लिए गौरीकुंड पहुंचनी थी और यहां से 28 अप्रैल को गौरीकुंड से प्रस्थान कर जंगलचट्टी, भीमबली, रामबाड़ा, लिनचोली, रुद्रा प्वाइंट होते हुए धाम पहुंचने का कार्यक्रम था।


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here