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छोड़कर चला गया परिवार का एक मात्र सहारा, ताबूत से लिपटकर बिलख पड़े परिजन

बीकानेर, राजस्थान में ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने से चमोली जिले के सैंती गांव के सेना के जवान रोहित की मौत ने उनके गांव में कोहराम मचा दिया। उनका शव मंगलवार को उनके गांव पहुंचा और पैतृक घाट नंदाकिनी और चुफलागाड़ के संगम पर राजकीय सम्मान के उनका अंतिम संस्कार किया गया।रोहित की अंतिम यात्रा में गढ़वाल राइफल्स व गढ़वाल स्काउट के अधिकारी-जवान, पूर्व सैनिक पास के क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। रोहित की तबीयत बिगड़ने के चलते 2 फरवरी को मौत हो गई थी।  सैनिक की अंतिम यात्रा में गढ़वाल राइफल्स व गढ़वाल स्काउट के अधिकारी-जवान, पूर्व सैनिक, व्यापारी और  शामिल हुए। बता दें कि सोमवार को देर शाम सैनिक का पार्थिव शरीर घाट तहसील मुख्यालय पहुंचा।

मंगलवार को सुबह साढ़े दस बजे जैसे ही सैनिक का शव उनके घर पहुंचा को पूरा गांव चीख पुकार से गूंज उठा। रोहित अपने घर के एकलौते थे। जवान का शव तिरंगे से लिपटा हुआ था। 22 साल के रोहित साल 2017 में गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे। वो राजस्थान के बीकानेर में स्थित थे।रोहित 17 जनवरी को एक माह की छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर वापस लौटे थे। इन दिनों प्रमोशन के लिए उसकी परीक्षाएं चल रही थी। दो फरवरी को दोपहर में जब वह परीक्षा के लिए अपनी सीट देखने कैंप परिसर में गया तो अचानक वह बेहोश होकर गिर गया। साथियों ने शीघ्र इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी। उसे सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।


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