दुनिया में कई ऐसी जगहें हैं जो लोगों के लिए आज भी रहस्य बनी हुई हैं। ऐसी जगहों में से एक उत्तराखंड में स्थित है, जहां पर किसी का भी जाना सख्त मना है। तो चलिए जानते हैं कि आख़िर ऐसा क्यों होता है और कहां स्थित है ये मंदिर। बता दें कि रहस्यों के भरा ये मंदिर उत्तराखंड के चमोली के वांण गांव में लाटू देवता के नाम से स्थित है। मान्यता है यहां पर पुजारी के अलावा और किसी महिला और पुरुष को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। श्रद्धालु इस मंदिर परिसर से लगभग 75 फीट की दूरी पर रहकर पूजन करते हैं क्योंकि स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर में नागराज अपनी अद्भुत मणि के साथ रहते हैं। जिसे आम लोग नहीं देख सकते हैं। मणि के दर्शन करने पर आंखों की रोशनी जा सकती है इसलिए पुजारी आंख पर पट्टी बांधकर ही मंदिर में प्रवेश करता हैं। आगे पढ़ें:
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मान्यता है कि इस मंदिर के अंदर साक्षात रूप में नागराज अपने अद्भुत मणि के साथ वास करते हैं, जिसे देखना आम लोगों के वश की बात नहीं है। पुजारी भी साक्षात विकराल नागराज को देखकर न डर जाएं, इसलिए वे अपने आंख पर पट्टी बांधते हैं। आपको बता दें कि हिमालय की सबसे लंबी नंदा देवी राजजात यात्रा को संपन्न कराने में लाटू देवता की अहम भूमिका होती है। इसके अलावा आपको बता दें वाण में स्थित लाटू देवता के मंदिर का कपाट सालभर में एक ही बार खुलता हैं। इस दिन यहां विशाल मेला आयोजित होता है। वांण क्षेत्र में लाटू देवता के प्रति लोगों में बड़ी श्रद्धा है। लोग अपनी मनोकामना लेकर लाटू देवता के मंदिर में आते हैं, कहते हैं यहां से मांगी मनोकामना जरुर पूरी होती है।