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कड़वा सच पर उत्तराखंड की महिलाएं भी हैं पलायन का सबसे बड़ा कारण जो नहीं रहना चाहती गांवों में

जनतक के एक ताजा सर्वे में ये खुलासा होता है कि उत्तराखंड की महिलाएं भी इस देवभूमि के पलायन के सबसे बड़े कारणों में से एक हैं, वहीँ अन्य प्रमुख कारणों में बेरोजगारी अभी भी सबसे बड़ा कारण बना हुआ है उसके बाद अच्छी शिक्षा की कमी, सड़कों का अभाव और अस्पतालों की कमी भी प्रमुख कारण रहे। महिलाएं जो कि पलायन के सबसे बड़े कारणों में से एक हैं आप इसका इस बात से विरोध कर सकते हैं कि जब महिला का पति शहरों में ही रहता है तो वो अपने पति के साथ रहने के लिए ऐसा करती हैं, ये बात चलिए हम थोड़ी देर के लिए सही मान भी लेते हैं पर स्याह हकीकत इससे कुछ अलग भी है।

हमने अपना ये सर्वे प्रदेश के 1000 से अधिक युवा शादीशुदा लोगों पर किया है जो कुछ नौकरी के लिए शहरों में रहते हैं और कुछ गांवो में ही छोटा मोटा काम करते हैं जिसके बाद ये चोंकाने वाले नतीजे सामने आये हैं। इसमें से अधिकतर युवाओं का कहना ये था कि जब वो अपने लिए लड़की देखने गये तो लड़की की सबसे पहले शर्तो में से एक शर्त यह भी होती थी कि वो गाँव में काम नहीं करने वाली है और शादी के बाद तुरंत वो भी लड़के के साथ गाँव से दूर या कहैं दिल्ली, मुंबई, देहरादून जैसे शहरों की ओर आ जायेगी।

अब इसके पीछे आपका ये भी तर्क काम नहीं करेगा कि गाँव में सुख सुविधा हो तो लड़कियां ऐसा नहीं करेंगी, क्यूंकि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में जो छोटे मोटे शहर भी हैं वहां का हाल भी कमोबेश ऐसा ही है, उस क्षेत्र की लड़कियां भी यही चाहती हैं की वो यहाँ से बाहर निकल सकें, तो इन सब बातों से ये स्पष्ट होता है कि आज की लड़कियां आरामतलब ज्यादा हो गयी हैं वो खेतीबाड़ी या अन्य घरेलु कामकाज करने में ज्यादा लगाव नहीं रख रही है, वरना बेरोजगारी तो पहाड़ में हमेशा से ही रही है पर 2005 के बाद ये पलायन बहुत तेजी से हुआ है वरना पहले भी तो हमारे बुजुर्ग काम के सिलसिले में पहाड़ से दूर शहरों में ही रहते थे।