कुछ समय पूर्व की बात है जब केंद्र की मोदी सरकार ने पूरे भारत में आयुष्मान भारत के नाम से एक योजना बनायी थी जिसमें सभी परिवारों को मुफ्त में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जानी थी, इसी योजना के अंतर्गत उत्तराखंड के 5.37 लाख परिवारों को चयन किया गया था। पर पूरे उत्तराखंड में परिवारों की संख्या है लगभग 26 लाख तो अब प्रदेश की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने पूरे देवभूमि के परिवारों को मुफ्त में इलाज प्रदान करने की घोषणा की है। कल यानी सोमवार को सचिवालय में आयोजित केबिनेट बैठक में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से आयुष्मान उत्तराखंड से संबंधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।
अलग उत्तराखंड राज्य को बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले तत्कालीन प्रधानमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर उत्तराखंड में शुरू की जा रही इस योजना को नाम दिया गया है ‘अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना’ और इस नाम से इसे लागू करने पर मुहर भी लगा दी गई है। अब इस योजना में राज्य के 26 लाख परिवारों को पांच लाख रुपये प्रति परिवार हर साल मुफ्त में इलाज प्रदान किया जाएगा और इसका लाभ स्वास्थ्य विभाग की ओर से सूचीबद्ध सरकारी व निजी अस्पतालों के जरिये ही मिलेगा। इसके साथ ही राज्य में दो लाख 60 हजार सेवारत व सेवानिवृत्त अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके आश्रितों को योजना के तहत असीमित बीमा कवर भी मिलेगा, जिसके अंतगर्त उनके मासिक वेतन से एक निर्धारित शुल्क काटा जाएगा।
राज्य के प्रथम श्रेणी के अधिकारियों के वेतन से 400 रुपये, द्वितीय श्रेणी अधिकारियों से 300, तृतीय श्रेणी कर्मचारियों से 200 और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन से 100 रुपये प्रतिमाह की कटौती से असीमित बीमा कवर मिलेगा। जबकि आम आदमी को इस योजना के लिए कोई भी शुल्क नहीं देना होगा उसे केवल अपना और अपने परिवार का पंजीकरण इस योजना के लिए करना होगा। इस योजना में पहाड़ों में संचालित अस्पतालों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान दिया जाएगा।