वर्तमान में पृथ्वी पर पानी संरक्षण को लेकर कई अभियान चल रहा है, परंतु जब तक पानी संरक्षण के लिए मनुष्य स्वयं जिम्मेदारी नहीं लेगा, तब तक यह बातें केवल कागजों तक ही सीमित रहती है। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में जल संरक्षण को लेकर काफी जागरूक रहते हैं, क्योंकि पहाड़ के कई क्षेत्रों में जल का अभाव रहता है। जल संरक्षण को लेकर उत्तराखंड के जनपद बागेश्वर के जगदीश कुनियाल ने एक अलग मिसाल पेश की। कहते हैं कि जब जिद जुनून में बदल जाए तो उसके सार्थक परिणाम जरूर मिलते हैं। ऐसी ही एक मिसाल उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में देखने को मिली है। बागेश्वर निवासी जगदीश कुनियाल ने अपने भगीरथ प्रयासों से गांव में हरियाली ला दी है।
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कई साल पहले सूख चुके स्थानीय गदेरे को पुनः रिचार्ज किया है। कई सालों की अर्थक प्रयासों व मेहनत की बदौलत उनके आसपास के गांवों में पेयजल संकट को दूर कर दिया है। यहीं नहीं, उनकी मेहनत की वजह से सिंचाई की समस्या को भी दूर किया है। जल और पर्यावरण संरक्षण के लिए जगदीश कुनियाल ने जो शानदार काम किए, उसकी तारीफ पीएम नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं। रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने जगदीश कुनियाल द्वारा किए जा रहे कामों की तारीफ की। पीएम मोदी ने कुनियाल को बधाई देते हुए कहा कि उनके प्रयासों से विभिन्न गांवों में पानी की समस्या दूर हो गई है। उनके प्रयासों से अन्य क्षेत्र के ग्रामीणों को भी प्रेरणा मिलेगी।
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57 साल के जगदीश कुनियाल सिरकोट गांव के रहने वाले हैं। वो पिछले 40 साल से पौधरोपण कर पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। जगदीश कुनियाल ने 18 साल की उम्र में अपने गांव की बंजर जमीन पर पौधरोपण का कार्य शुरू किया था। जगदीश ने अपने 800 नाली जमीन पर चाय का बगान शुरू कर अपनी आजीविका का साधन बनाया, और पिछले 40 सालों से वह विभिन्न प्रजातियों के 25000 से अधिक पौधे रोपित कर उनका संरक्षण कर रहे हैं। जगदीश की मेहनत रंग लाई और सूखे पड़ चुके जलस्रोतों फिर से पुनजीर्वित हो उठे। जिससे गांव में पीने के पानी की समस्या के साथ-साथ सिंचाई जल की समस्या भी समाप्त हो गई। इन्हीं कार्यों से PM मोदी उत्तराखंड के जगदीश कुनियाल के मुरीद हुए। आज जगदीश जल और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में दूसरों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन चुके हैं।