ये पूरा मामला है 1 जनवरी 2016 का जब चकराता में हुए एक रेप और हत्याकांड के बाद पूरी देवभूमि और भारत में सनसनी फ़ैल गयी थी। नेपाली मूल की एक छात्रा का शव दो जनवरी, 2016 को चकराता के त्यूणी के रोटा खड्ड बैंड के पास पेड़ से लटका मिला था। किशोरी की पहचान होने के बाद आसपास के लोगों ने बताया कि एक जनवरी को किशोरी को पेशे से वाहन चालक मोहम्मद अजहर उर्फ अंट्रे पुत्र अहमद अली खान निवासी अंबाड़ी, डाकपत्थर के साथ मोटरसाइकिल पर त्यूणी की ओर जाते देखा गया था।
इसके बाद जब पुलिस अजहर के घर पहुंची तो वह फरार मिला था काफी तलाश के बाद अजहर खान को 5 जनवरी 2016 को हिमाचल के सिरमौर जनपद के बागरण कस्बे से दबोच गिरफ्तार कर लिया गया था। जब उससे पूछताछ की गयी तो उसने कबूल किया कि किशोरी को वह जानता था और त्यूणी घुमाने के बहाने उसे साथ लेकर गया और वहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया। शोर मचाने और घरवालों को यह बात बता देने के भय से उसकी हत्या कर दी और शव को उसकी ही चुन्नी से बांधकर पेड़ से लटका दिया, ताकि लोगों को लगे कि उसने खुदकुशी की है। इसके बाद पुलिस ने अजहर की बाइक और उसकी एक चाबी भी घटनास्थल से बरामद की थी बाद में जब डीएनए रिपोर्ट आई तो उसमें वैजाइनल स्वैब से पुष्टि हुई कि दुष्कर्म अजहर खान ने ही किया था।
अदालत में बहस के दौरान अभियोजन ने अपील की कि काम वासना की पूर्ति के लिए बच्ची की निर्मम हत्या की गई। इस प्रकार की घटना को समाज भी बर्दाश्त नहीं कर सकता है, समाज के हित को सजा सुनाते वक्त ध्यान में रखा जाए। पीड़िता ही नहीं यह मानवता के खिलाफ अपराध है, बहस में सुप्रीम कोर्ट की ऐसे केसों में ‘वेस्ट पेनाल्टी’ का भी हवाला दिया गया। इसके बाद पोक्सो कोर्ट ने 15 वर्षीय किशोरी की रेप के बाद हत्या मामले में फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 90 हजार का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें 50 हजार रुपये पीड़ित परिवार को दिए जाएंगे। साथ ही निर्भया फंड से भी 50 हजार रुपये की सहायता राशि मृतका की मां को देने के आदेश दिए।