कोरोना संक्रमण का खतरा दिन प्रतिदिन गहराता जा रहा है। दुनियांभर के वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं लेकिन अब तक जो रिपोर्ट मिल रही है उसके अनुसार वैक्सीन बनने में लगभग 1 साल लग जाएगा। वहीँ एक नयी रिपोर्ट ने पूरे भारत के माथे पर बल डाल दिया है जिसके अनुसार सितम्बर तक भारत में कोरोना संक्रमण अपने चरम पर होगा जब भारत में 58% लोग इस वायरस की जद में होंगे। वहीँ इस वायरस से लड़ने के लिए डॉक्टर, पुलिस, सफाईकर्मी और अन्य कई लोग चट्टान की तरह खड़े हो रखे हैं और अब इन्हीं में एक और नाम जुड़ गया है जो है उत्तराखंड के पूर्व सैनिकों का।
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सालों तक देश की सरहदों की हिफाजत करने वाले सैनिकों ने अब रिटायरमेंट जीवन में भी एक नई और शानदार पहल करते हुए दूसरी जंग के लिए कमर कस ली है। कोरोना के खिलाफ जारी जंग में सरकार को साथ देने के लिए राज्य के 1800 से ज्यादा पूर्व सैन्य अफसर और सैनिकों ने खुद को वालियंटर के रूप में पेश किया है। सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास निदेशालय के नोडल अफसर कर्नल (सेनि) वीएस थापा के अनुसार पूर्व सैनिकों द्वारा खुद को स्वयं सेवक के रूप में रजस्टिर्ड कराने का सिलसिला लगातार जारी है। सरकार ने केवल 50 साल साल से कम उम्र के पूर्व सैनिकों से ही आह्वान किया था कि वो इस पहल में सहयोग करैं। इसलिए यह संख्या अभी कम नजर आ रही है वरना अब तक उत्तराखंड में यह कई गुना अधिक होती।
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राज्य के पूर्व सैनिक कोरोना के खिलाफ इस लड़़ाई के लिए भी तैयार हैं। पूर्व सैनिक स्वास्थ्य, यातायात, राशन सप्लाई, ट्रांसपोर्ट और सुरक्षा जैसे अहम कार्यों में बेहतर से बेहतर सहयोग करने के लिए आगे आये हैं। चंद ने पूर्व सैनिकों से अपील की कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में स्वयं सेवक के रूप में आगे आएं।
जिला सैनिक
चमोली 111
देहरादून 146
हरद्विार 54
लैंसडौन 320
पौड़ी 224
रुद्रप्रयाग 47
टिहरी 150
उत्तरकाशी 24
अल्मोड़ा 30
बागेश्वर 25
चंपावत 34
हल्द्वानी 119
पिथौरागढ़ 162
यूएसनगर 287