जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा में शहीद जवान सौरभ कटारा का गुरुवार को राजस्थान के भरतपुर जिला स्थित पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। बारौली ब्राह्मण गांव में उनकी अंत्येष्टि पर पत्नी पूनम ने न सिर्फ उनकी अर्थी को कंधा दिया, बल्कि पूरे गर्व के साथ उन्हें आखिरी अलविदा कहा। पूनम से जब मीडिया ने बात की तो उन्होंने बताया, मुझे 16 दिन की सुहागन होने पर गर्व है।
राष्ट्रीय राइफल्स के जवान सौरभ से पूनम की शादी इसी आठ दिसंबर को हुई थी। यही नहीं, उसी दिन उसके बड़े भाई गौरव की शादी पूजा संग हुई थी। शादी के बाद सौरभ 14 दिसंबर को ड्यूटी पर लौटे थे, जबकि 25 दिसंबर को उनका जन्मदिन था। मतलब बर्थडे से ठीक एक दिन पहले वह देश के लिए कुर्बान हो गए। हालांकि, उनके शहीद होने की जानकारी 25 तारीख को ही घर वालों को मिली, जिसके बाद उनके घर में मातम का माहौल पनप गया।
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दरअसल, जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में 23-24 दिसंबर की दरमियानी रात को ग्रेनेड हमले के दौरान सौरभ कटारा शहीद हो गए थे। भरतपुर के जिला कलेक्टर नथमल डिडेल के मुताबिक, शहीद कटारा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान से किया गया। पर्यटन और देवस्थान मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने उनके पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्वांजलि अर्पित की.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कटारा के पिता नरेश भी सेना में थे, जो 2002 में सेवानिवृत्त हुए हैं। वह देश के लिए करगिल की जंग लड़ चुके हैं, जबकि बड़ा भाई गौरव है और वह खेती-किसानी करता है। सौरभ के छोटे भाई अनूप ने पत्रकारों को बताया- मुझे भइया पर बड़ा गर्व है। उनसे प्रेरित होकर अब मैं भी सेना में जाना चाहता हूं।