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शानदार: इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ पहाड़ के बेटे मनीष का नाम

उत्तराखंड के बेटे और पहाड़ के लाल मनीष कसनियाल ने एक शानदार उपलब्धि अपने नाम दर्ज कर दी है  क्यूंकि इनका नाम इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। मनीष ने सबसे कम उम्र में नंदा लपाक पर्वत फतह करने का रिकॉर्ड कायम किया है, पिथोरागढ़ जिले के कासनी गाँव के रहने वाले मनीष कसनियाल पुत्र सुरेश चंद्र कसनियाल का भारतीय पर्वतारोहण संस्थान के सहयोग से चयन लाइजन ऑफिसर में नंदादेवी पर्वत के आरोहण के लिए सितंबर में हुआ था। और अब साहसिक खेलों की संस्था इंट्रेंसिक क्ल़ाइम्बर्स एंड एक्स्प्लोरर्स (आइस) को शीतलराज के बाद मनीष के रूप में इस वर्ष एक और दूसरी बड़ी सफलता मिल गयी है।

मनीष राजकीय महाविद्यालय पिथोरागढ़ में एमए(इतिहास) प्रथम समेस्टर के छात्र हैं और अब मनीष ने बतौर लाइजन ऑफिसर तैनात होकर  जोहार घाटी में नंदा लपाक पर्वत वेस्ट रिज पहली बार फतह कर दी है। ये पहला मौका है जब पश्चिमी छोर से इस चोटी पर फतह हासिल की गयी है इससे पहले साल 2009 में ब्रिटिश पर्वतारोही मार्टिन मोरन ने दक्षिण छोर से इस चोटी पर विजय हासिल की थी। नंदा लपाक तक पहुँचने के लिए मनीष को 5000 मीटर ऊँची एक अनाम चोटी से होकर गुजरना पड़ा था और इस दौरान इस चोटी का नाम ‘वासुदेव धार’ रखा है जिसके बाद भारतीय पर्वतारोहण संस्था ने उनका नाम इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड के लिए भेजा था।

मनीष के इस रिकॉर्ड को भारतीय पर्वतारोहण संस्थान ने मंजूरी दे दी है और रिकॉर्ड बुक के आधार पर वह विश्व के कम उम्र के पर्वतारोही में शामिल हुए। इसके आधार पर वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया में इनका नाम दर्ज हो चुका है, आइस संस्था के निदेशक वरिष्ठ पर्वतारोही पुरमल सिंह धर्मशक्तू ने बताया कि संस्था की यह इस साल की दूसरी बड़ी उपलब्धि है। इससे पहले इसी साल आइस संस्था की शीतल राज ने कंचनजंगा चोटी फतह कर विश्व की सबसे छोटी उम्र में अपना नाम विश्व रिकॉर्ड में दर्ज कराया था। मनीष कसनियाल ने अपनी इस सफलता का श्रेय संस्था के सचिव बासुदेव पांडे को दिया है इसी कारण उन्होंने उस अनाम चोटी का नाम ‘वासुदेव धार’ रखा था।


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