उत्तराखंड के कोटद्वार में पनियाली गदेरे ने एक बार फिर तबाही मचाई है। मंगलवार सुबह भारी बारिश के बाद उफनाए पनियाली गदेरे से कौड़िया समेत तटवर्ती इलाकों के सैकड़ों घरों में बाढ़ का मलबा घुस गया। काशीरामपुर के कौड़िया में जलमग्न हुए घरों में बिजली का करंट दौड़ने से घर का सामान निकाल रहे तीन लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। बाढ़ प्रभावितों ने हादसे के लिए शासन-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। सूचना मिलते ही एसडीएम मनीष कुमार सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू करवाया। मंगलवार सुबह करीब साढ़े छह बजे से कोटद्वार शहर और पर्वतीय क्षेत्र में करीब दो घंटे मूसलाधार बारिश हुई।
बारिश से पनियाली समेत तमाम बरसाती गदेरे और नदियां उफान पर बहने लगी। पनियाली गदेरे ने गत वर्षों की भांति रौद्र रुप ले लिया और शिवपुर से ही तबाही मचानी शुरू कर दी। आमपड़ाव, जौनपुर होते हुए बाढ़ का पानी जैसे ही काशीरामपुर कौड़िया पहुंचा, वहां बाढ़ का पानी और मलबा लोगों के घरों में जा घुसा। सुबह करीब साढ़े सात बजे बलबीर सिंह के किराएदार शागुन (25) पुत्र गुलशन के कमरे में पानी भर गया। उसने सामान बचाने के लिए अपने मकान मालिक बलबीर सिंह के बेटे रणजीत सिंह (28) और पड़ोसी अरुण (26) पुत्र स्व. कमल को आवाज दी। इस दौरान पानी और बढ़ गया। सामान निकालते वक्त अचानक जलमग्न घर में बिजली का करंट दौड़ा और तीनों इसकी चपेट में आ गए। चीख-पुकार मचने पर पड़ोसियों ने मेन मीटर से तार काट दी, लेकिन तब तक तीनों लोग दम तोड़ चुके थे। घटना से परिजनों में कोहराम मचा है।बाढ़ प्रभावित लोगों ने घटना पर आक्रोश जताते हुए तीनों युवकों की मौत के लिए सरकारी सिस्टम को जिम्मेदार बताया। घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम मनीष कुमार सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को बाहर निकाला। तीनों युवकों का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए गए हैं। सूचना मिलते ही दोपहर बाद पौड़ी से एडीएम डा. एसके बरनवाल भी कोटद्वार पहुंच गए। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का मुआयना कर स्थानीय प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। एसडीएम मनीष कुमार सिंह ने बताया कि आपदा के बाद अधिकारियों की आपातकालीन बैठक कर नुकसान के सर्वेक्षण के आदेश दे दिए गए हैं।