इरादे मजबूत हों और कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो पत्थर से भी पानी निकाला जा सकता है। इस सचाई को सिद्ध किया है चमोली जिले के थराली के रहने वाले कलम सिंह रावत ने! बचपन में घर से भागकर वर्षो लुधियाना की हौजरी फैक्टरी में काम किया, पर शहर की दम घोटू जिन्दगी के बीच उन्हें बार बार अपना गाँव याद आता था! एक दिन सब छोड़ छाड़ कर गांव आ गये! दो नाली के अपने बंजर खेत से पत्थर निकालने में जुट गये ! लोग बार बार कहते थे अच्छी भली शहर की नौकरी छोड़कर यहाँ ढांग में कपाल फोड़ रहा है!
पर धुन के पक्के कलम सिंह अपने लक्ष्य में जुटे रहे, इसमें सब्जी बोई, जब लोग रात को सोते थे तो वे अपने परिवार के साथ धारे से बंठो से सिंचाई के लिए पानी ढोते थे! आज वह पाली हाउस में सब्जी उगा रहे हैं! टमाटर के एक पौधे से १५ से २० किलो पैदावार ले रहे है, पर कलम सिंह इससे संतुष्ट नहीं है, कहते है, यूट्यूब में देखा है विदेश में लोग एक पौधे से ३० किलो तक पैदावार ले रहे हैं, मेरा लक्ष्य वही है! कलम सिंह रावत आज हर साल लाखों की सब्जियां बाजार में बेच रहे हैं।