गर्मियों की छुटटी काटने के बाद जब अगस्त्यमुनि क्षेत्र के हजारों छात्र विद्यालय के लिये पहुंचे तो उन्हें घंटों तक लंबी कतार लगाकर ट्राली में बैठने का इंतजार करना पड़ा। ग्रामीणों के साथ ही छात्रों की इतनी भीड़ थी कि कई छात्र समय पर विद्यालय भी नहीं पहुंच पाये। केदारघाटी के विजयनगर में मंदाकिनी नदी पर जनता की आवाजाही के लिये लगाया गया लोहे का अस्थाई पुल मंदाकिनी नदी के तेज बहाव की भेंट चढ़ गया है।
सबसे अधिक दिक्कतें ट्राली के सहारे आवाजाही करने वाले आपदा पीड़ितों और स्कूली छात्रों को हो रही हैं। जनता की आवाजाही के लिये लोक निर्माण विभाग ने विजयनगर में मंदाकिनी नदी के बीच में लोहे का अस्थाई पुल लगाया था, लेकिन मंदाकिनी नदी का जल स्तर बढ़ने से लोहे की अस्थाई पुलिया नदी में समा गई है। जिसके बाद एक बार फिर से जनता ट्राली के सहारे जान जोखिम में डालकर उफान पर आई मंदाकिनी नदी की लहरों को पार करने को मजबूर है। बता दें कि हर साल इसी तरह की परेसानी से गुजरना पढ़ता है।
आपदा के पांच वर्षों में विजयनगर में पुल का निर्माण न होने से जनता में आक्रोश भी बना हुआ है। पांच वर्षों में ट्राली में सफर करने वालों के साथ कई घटनाएं घट चुकी हैं, लेकिन इसके बाद भी पुल का निर्माण नहीं किया जा रहा है।
पहले ही दिन ट्राली में बैठने वाले छात्रों में होड़ लगी रही। हरेक छात्र पहले दिन समय पर विद्यालय पहुंचना चाहता था, लेकिन छात्रों की भीड़ इतनी थी कि छात्रों को ट्राली में बैठने की जगह नहीं मिल पाई और कई छात्र समय पर विद्यालय नहीं पहुंच पाये। अब आने वाले दिनों में दिक्कतें और अधिक बढ़ने वाली हैं। छात्रों को ऐसे ही लंबी कतार लगानी पड़ेंगी। धीरे-धीरे बरसात भी बढ़ रही है और मंदाकिनी नदी का जल स्तर बढ़ता जा रहा है।