पूरे देश के साथ ही उत्तराखंड में भी पिछले 25 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है और जो फिलहाल 17 मई तक चलता रहेगा पर उसके बाद भी सबकुछ सामान्य हो जाए इसके आसार दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं। और बहुत जल्द सरकार लॉकडाउन 4.0 का भी ऐलान कर सकती है। लॉकडाउन के कारण देशभर में लोग अपने घरों के अन्दर रहने को ही मजबूर हैं। इसका सबसे बड़ा असर स्कूली शिक्षा पर भी पड़ा है क्यूंकि अब उत्तराखंड में वक्त 2 महीने से भी ऊपर हो चुका है लेकिन इसके बावजूद स्कूल बंद हैं। उत्तराखंड में भी बच्चे अपने घरों में ही कैद हैं इस दौरान कई स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की गयी है जबकि कई स्कूलों में ऐसा कुछ भी नहीं हो पा रहा है। पर अबतक जो खबरें सामने आ रही हैं उसके अनुसार अधिकतर स्कूल या तो फीस वसूल चुके हैं या उसकी तैयारी में हैं।
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निजी स्कूलों में छात्रों से जबरन और मनमाने तरीके से फीस की वसूली का मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट में भी पहुंच चुका है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सरकार को निर्देश जारी किए थे। इन निर्देशों के बाद शासन ने 22 अप्रैल को जारी अपने आदेश को फिर संशोधित किया है। इससे पहले दो मई को भी फीस से संबंधित आदेश जारी किया गया था। इस आदेश में ऑनलाइन या अन्य संचार माध्यमों से शिक्षण कार्य कराने वाले स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दे दी गई थी। साथ में शर्त यह रखी गई थी कि ट्यूशन फीस के अतिरिक्त कोई भी फीस नहीं ली जाएगी।
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अब फिर एक बार सरकार ने नया आदेश जारी किया है जिसके अनुसार निजी स्कूलों में अपर किंडर गार्टन (यूकेजी) तक अध्ययनरत समस्त छात्र-छात्राओं से ऑनलाइन शिक्षा की आड़ में ट्यूशन फीस की वसूली भी नहीं की जा सकेगी। सिर्फ उन्हीं अभिभावकों से ट्यूशन फीस ली जाएगी, जो स्वेच्छा से इसे देना चाहते हों। हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए शासन ने संशोधित आदेश जारी किया है। आपको बता दें फीस को लेकर तीसरी दफा शासन ने आदेश दिया है।
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