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रुद्रप्रयाग जिले के इतिहास में पहली बार किसी को होगी फांसी, ये घटना रूह कंपा देने वाली थी

पूरा वाकया है 4 अप्रैल 2017 का जब रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लाक के लिस्वाल्टा गांव की रहने वाली सरोजनी देवी के घर उनके बेटे विजय सिंह के लिए लड़की की कुंडली देने के बहाने मुकेश थपलियाल पुत्र गीताराम थपलियाल निवासी ग्राम जयंती तहसील जखोली और सत्येश उर्फ सोनू पुत्र दिल्लू लाल, निवासी कोटली, थाना थराली जिला चमोली आये थे। इस दौरान इन दोनों लोगों ने महिला सरोजनी देवी की बर्बरता से हत्या कर दी और उसके बाद शव को मकान के पीछे खेत में दबा दिया और फिर पूरे घर में हाथ साफ़ करके जेवर लेकर फरार हो गए।

इसके बाद जब अगले दिन यानी 5 अप्रैल को पूरे दिन गाँव में महिला का कोई पता नहीं चल सका तो तो उसके अगले दिन यानी 6 अप्रैल को महिला का शव घर के पीछे वाले खेत में मिला था। महिला के पुत्र विजय सिंह ने पटवारी क्षेत्र बांगर में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई पर क्यूंकि यह मामला अत्यंत गंभीर होने के कारण राजस्व पुलिस ने इसे शीघ्र रेगुलर पुलिस को सौंप दिया। कोतवाली रुद्रप्रयाग में मामला आने के बाद गहनता से इसकी जांच एवं छानबीन शुरू हुई जांच में एसपी पीएन मीणा के नेतृत्व में पुलिस ने मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर अभियुक्तों को पकड़ा लिया। विवेचना के तहत हत्या और लूट का सामान खरीदने वाले आरोपियों को जेल भेज दिया गया था, मुकेश थपलियाल पहले ही जयंती गांव की विमला देवी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भी काट रहा है।

मंगलवार यानी 4 दिसम्बर की दोपहर कि अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश भारत भूषण पांडेय ने अभियुक्त मुकेश थपलियाल और सत्येश को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत फांसी की सजा सुना दी है। साथ ही दोनों अभियुक्तों को धारा 392, 201 के तहत भी दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष का कारावास व पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी गयी। लूटा हुआ सामान खरीदने वाले अवधेश शाह पुत्र देवेंद्र शाह एवं राजेश रस्तोगी पुत्र रमेश रस्तोगी, कर्णप्रयाग (चमोली) को भादंसं 411 के तहत दोषी पाते हुए तीन-तीन वर्ष की कैद व पांच हजार अर्थदंड लगाया गया। न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जिस तरह से दोनों अभियुक्तों ने महिला की निर्दयता से हत्या की वह जघन्य अपराध है।

रुद्रप्रयाग जिले में यह पहली बार हुआ है जब किसी को फांसी की सजा सुनाई गई है रुद्रप्रयाग जिले का गठन साल 1997 में किया गया था और जिला बनने के 21 सालों में हालांकि आजीवन करावास के कई मामले सामने आये हैं लेकिन फांसी की सजा का यह पहला मामला है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अपने फैसले में इस अपराध को दुर्लभ से दुर्लभ श्रेणी का बताया है रुद्रप्रयाग जिले में पूर्व में दो महिलाओं की जघन्य हत्या की गई इन दोनों ही घटनाओं में मुकेश थपलियाल को दोषी पाया गया था। सत्येश उर्फ सोनू का भी चमोली जिले में अपराधिक इतिहास रहा है। सभी अपराधियों को चमोली जिले में स्थित पुरसाड़ी जेल भेज दिया गया है।


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