सांसद अनिल बलूनी वो नाम जो जबसे उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य बने हैं, देवभूमि का हर एक व्यक्ति उनकी तारीफ किये बिना नहीं रह पाया है। अपने पिछले ढेड़ साल के कार्यकाल में ही वो उत्तराखंड के लिए कई नयी योजनायें शुरू कर चुके हैं और जितना कोई भी सांसद अपने पांच साल के कार्यकाल में भी नहीं कर पाया है। इसी कड़ी में वो कुछ दिन पहले वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण से भी मिले थे और उन्होंने इस दौरान आने वाले बजट में उत्तराखंड के भुतहा गांवों के लिए विशेष पहल करने को कहा था।
इसके बाद उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों में पलायन से निर्जन होने के बाद ‘भुतहा गांव’ कहलाने वाले गांवों का नीति आयोग कायाकल्प करेगा। नीति आयोग ने सांसद अनिल बलूनी के पलायन के खिलाफ चलाई मुहिम के तहत 10 पर्वतीय जनपदों के 10 निर्जन गांवों को गोद लेने का निर्णय लिया है। आयोग ऐसे गांवों को मॉडल गांव के तौर पर विकसित करेगा। यही नहीं, आयोग प्रदेश में पलायन की समस्या पर उच्च स्तरीय अध्ययन रिपोर्ट भी तैयार करवाएगा।
सांसद अनिल बलूनी ने बुधवार को नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार से भेंट की और उत्तराखंड में भयावह होती पलायन की समस्या के समाधान के लिए नीति आयोग से सहयोग मांगा था। सांसद ने वन अधिनियम के कारण रुके हुए विकास कार्यों और मूलभूत सुविधा ना होने के कारण सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों की अनुपलब्धता और स्थानीय नागरिकों के पलायन के विषय पर चर्चा की। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने उत्तराखंड जैसे हिमालयी और सामरिक प्रांत के पलायन को गंभीर समस्या माना।