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गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स: दुनिया का सबसे ऊंचा धनिये का पौधा, उत्तराखंड में कमाल का किसान

उत्तराखंड में अधिकाँश लोगों के मन में एक धारणा यह है कि, इन बंज़र खेतों में कुछ नहीं हो सकता है। और अगर यहाँ कुछ बोयेंगे भी तो उन्हें बंदर, सुवर खा जाएंगे। उत्तराखंड का एक प्रगितशील किसान इसपर कहता है कि मैं इस धारणा को बदल दूंगा। यदि एक-एक जिले से 10-10 लोग जो कुछ करने का मादा रखते हैं मिल जाये, तो वह इस धारना को खत्म कर सकते हैं। उन्होंने कहा यहाँ की जमीन उपजाऊ है। इसी किसान के बारे में आपको बताते हैं कि उन्होंने अब ऐसा कमाल कर दिया है कि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में उनका नाम दर्ज हो गया है।

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गोपाल उप्रेती, बिल्लेख गांव, रानीखेत, अल्मोड़ा जिले के किसान हैं। उन्होंने गांव की अपनी जमीन में बगीचा बनाया हुआ है। वहाँ 200 सेब के पेड़ हैं, इनके बीच बीच में धनिये का पेड़ भी उगाया है। जो अभी तक संसार में सबसे बड़ा 7 फुट 1 इंच यानी 2.16 मीटर होने का दावा किया जा रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान के दो वैज्ञानिकों ने कुछ समय पहले बिल्लेख गांव जाकर इस पौधे पर ठप्पा लगाया। बकौल उप्रेती उनके उगाए धनिया के एक पौधे से कम से कम 500/600 ग्राम धनिया निकलता है जबकि कुछ बड़े पौधों से तो 700/800 ग्राम तक धनिया निकलता है। यह इन्हीं विज्ञानियो के रिकमंड के आधार पर यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भेज दिया गया था। अब इस बात को स्वीकृति मिल गयी है।

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गोपाल उप्रेती के खेत में पांच से सात फीट ऊंचाई के धनिये के अन्य पौधे भी मिले। पेशे से सिविल इंजीनियर गोपाल दत्त उप्रेती ने इस उपलब्धि के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया और पौधे की ऊंचाई समेत सभी कागजात प्रस्तुत किए थे। उप्रेती ने बताया कि पौधों की अधिक लंबाई की वजह से धनिये के पौधे में गंध और अन्य चीजों में कोई फर्क नहीं पड़ा है। गोपाल दत्त उप्रेती का कहना है कि उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज होना देश के सभी किसानों का सम्मान है। खासतौर पर जैविक कृषि के क्षेत्र में यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। वह कहते हैं कि उत्तराखंड में जैविक कृषि की अपार संभावनाएं हैं।

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