भारत में कोरोना वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है वही पंजाब के कपूरथला से एक मामला सामने आया हैं कि एक 75 वर्षीय महिला मंगली देवी की स्वाभाविक मौत हुई, लेकिन उस महिला के बेटे रामू ने यह कहते हुए शव लेने से इनकार कर दिया कि कहीं उसकी मां की मौत कोरोना से तो नहीं हुई। कोरोना के भय से आज इंसान इतना असंवेदनशील हो गया है कि रिश्ते तार-तार होने लगे हैं। एक बेटा अपनी मां से रिश्ता ही भूल गया। वही बेटा अंतिम संस्कार करने की बजाय माँ के शव और अपने परिवार को छोड़कर इधर-उधर हो गया। मृतका के पारिवारिक सदस्य और रिश्तेदार शव के नजदीक इसलिए नहीं आ रहे थे क्योंकि उन्हें भी यह भय था कही महिला की मौत कोरोना से न हुई हो।
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जूही यह मामला जिला प्रशासन के ध्यान में आया तो तहसीलदार मनवीर सिंह ढिल्लो, पटवारी सरबजीत सिंह के साथ युवक को समझाने पहुंचे। सेहत विभाग की टीम ने मृतका के बेटे की काउंसलिंग की और मां का अंतिम संस्कार करने के लिए किसी तरह से रजामंद किया। लोकडाउन की वजह से शव को श्मशान घाट तक ले जाने का कोई साधन नहीं मिला फिर तहसीलदार और पुलिस ने किसी तरह रिक्शा कर के शव को शमशान घाट तक पहुचाया। लकड़ी की दुकान खुलवाकर बालन इकट्ठा किया और फिर गांव हुसैनपुर में बेटे रामू के हाथों मृतका का अंतिम संस्कार करवाया गया। इस प्रक्रिया में हुआ पूरा खर्चा मौजूद अफसरों ने ही किया।
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