उत्तराखंड ने आज एक और इतिहास रच दिया है और वो ये है कि भारतीय पेट्रोलियम संस्थान(आईआईपी) के द्वारा बनाये गये जैव ईंधन से एक विमान देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। ये विमान था विमानन कंपनी स्पाइस जेट के टर्बोपोर्प क्यू 400 विमान जिसने आज सुबह यानी 27 अगस्त को उड़ान भरी और इस विमान को हरी झंडी दिखाई उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने और पहले ही प्रयास में स्पाइस जेट का ये विमान देहरादून से दिल्ली के लिए रवाना हो गया। भारत के इतिहास में ये पहला मौका है जब जैव ईंधन से चलने वाले विमान का सफल परिक्षण किया गया।
इस तरह के विमान अबतक अमेरिका और कनाडा जैसे विकसित देशों में ही होता आया है जब वहां के कमर्शियल विमानों में जैव ईंधन का प्रयोग किया गया है। भारत तेल आयात पर अपनी निर्भरता कम से कम करना चाहता है इसीलिए जैव ईंधन को प्रचारित किया जा रहा है। इसी सिलसिले में 10 अगस्त 2018 को जैव ईंधन दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति जारी की थी जिसमें आनेवाले चार सालों में एथेनॉल का उत्पादन तीन गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है और अगर सच में ऐसा होता है तो तेल आयात के खर्च में 12 हजार करोड़ रुपये तक बचाए जा सकते हैं।
आपको बता दें कि जैव ईंधन सब्जी के तेलों, रिसाइकल ग्रीस, जानवरों के फैट आदि चीजों से बनाया जाता है और अब विमानन क्षेत्र में जीवाश्म ईंधन की जगह इसका इस्तेमाल किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। आने वाले समय में लक्ष्य ये रखा गया है कि इनसे पैदा होने वाले कार्बन को 2050 में आधा किया जा सके तो अगर आने वाले समय में जैव ईंधन का सही तरह से उपयोग किया जा सके तो विमानन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन में 80 फ़ीसदी तक कमी लायी जा सकती है।