यह बात आम है कि हर एक व्यक्ति चाहता है कि उसकी छवि समाज में बहुत अच्छी बने और यही कारण है कि कोई नेता हो या अधिकारी हर कोई अपनी इमेज बिल्डिंग में लगा रहता है। जहाँ कुछ नेता और अधिकारी अपने तिकड़म और मैनजेमेंट से इस काम में लगे होते हैं तो कुछ अपने कार्यों के द्वारा अपनी एक अच्छी छवि बना लेते हैं। पर इन सबके बीच एक कटु सत्य यह भी है कि इसी हीरो बनने की चाह में इंसान फिर मौलिकता को छोड़कर नाटकीयता का मुखौटा पहन लेता है। लेकिन इन सबके बीच आज भी कुछ लोग ऐसे होते हैं जो न तो अपनी छवि चमकाना चाहते हैं और न ही उनमें मान-सम्मान पाने के लिए होड़ लगी होती है बल्कि वो तो सिर्फ अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते चले जाते हैं।
अब ऐसे ही अधिकारियों में एक नया नाम जुड़ गया है रुद्रप्रयाग जिले की नयी जिलाधिकारी साहिबा वंदना चौहान का। जिले का कार्यभार संभालने के बाद जब मीडिया से वह पहली बार मुखातिब हुई तो उन्होंने सबसे पहले यही बात कही कि हमें अनावश्यक रूप से हीरो बनाने की कोशिश न करैं। हम तो बस सरकार से मिले दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। कौन किस तरह से इसका समाज में प्रस्तुतिकरण कर रहा है यह उस अधिकारी की कार्य करने की शैली और क्षमता पर निर्भर करता है। हम अपने लिए नहीं बल्कि समाज को एक नए आयाम तक ले जाने की एक मिसाल कायम करने का भरसक प्रयास करते हैं।
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उन्होंने प्रेसवार्ता में स्पष्ट किया कि उन्हें प्रचार की आकांक्षा बिलकुल भी नहीं है वह पूरी निष्ठा और समर्पण से सोंपी गयी जिम्मेदारी को निभाने में भरोसा करती हैं। इन सबके बाद जिलाधिकारी ने कहा कि रुद्रप्रयाग जिले की भौगोलिक स्थिति अन्य जिलों से अलग है इसलिए सबसे पहले तो यहाँ की परिस्थितियों को समझने में लगी हुई हूँ। और कोरोना से किस तरह निपटा जाए, महिलाओं को किस तरह प्रगति के पथ पर ले जाया जाए, चारधाम यात्रा को कैसे पटरी पर लाया जाए इन्हीं सब बातों पर काम हो रहा है।
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