टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ने ग्रुप-A के अपने आखिरी मैच में साउथ अफ्रीका को 4-3 से हरा दिया। उत्तराखंड के हरिद्वार के छोटे से गांव रोशनाबाद की रहने वाली वंदना कटारिया ने मैच में 3 गोल दागकर इतिहास रच दिया है। वे ओलिंपिक मैच में गोल की हैट्रिक लगाने वाली भारत की पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बन गईं। उनके गोल की बदौलत भारत के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की उम्मीद बरकरार है। 29 साल की वंदना पहले खो-खो प्लेयर बनना चाहती थीं, लेकिन रनिंग स्पीड अच्छी होने की वजह से हॉकी खेलना शुरू किया।
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वंदना ने ऐतिहासिक उपलब्धि से दिवंगत पिता को श्रद्धांजलि दी है। अपनी तैयारी के चलते वह पिता के निधन पर भी गांव नहीं आ सकी थीं। वंदना की इस उपलब्धि पर परिजनों, ग्रामीणों और जिले के खेल अधिकारियों में जश्न का माहौल है। बहादराबाद ब्लॉक क्षेत्र के गांव रोशनाबाद निवासी वंदना कटारिया ने पढ़ाई के साथ हॉकी को अपना कॅरियर बनाने के लिए जी जान से मेहनत की है। वंदना कटारिया ने पहली बार जूनियर अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में 2006 में प्रतिभाग किया। वर्ष 2013 में देश में सबसे अधिक गोल करने में सफल रहीं।
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जर्मनी में हुए जूनियर महिला विश्वकप में वंदना कटारिया कांस्य पदक विजेता बनीं। वंदना ने हॉकी में फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान भी रह चुकी हैं। वंदना अपने 7 भाई बहनों में सबसे छोटी हैं। वंदना के 5 भाई बहन खेल से ही जुड़े हैं। बड़ी बहन रीना कटारिया भोपाल एक्सीलेंसी में हॉकी कोच और छोटी बहन अंजलि कटारिया हॉकी खिलाड़ी हैं। भाई पंकज कराटे और सौरभ फुटबॉल खिलाड़ी एवं कोच हैं।