Home उत्तराखंड रिटायरमेंट से 8 महीने पहले शहीद हुआ उत्तराखंड का लाल, परिजनों का...

रिटायरमेंट से 8 महीने पहले शहीद हुआ उत्तराखंड का लाल, परिजनों का रो रोकर बुरा हाल

देश के लिए जान न्यौछावर करने वाले पति की शहादत पर परिवार को गर्व तो है लेकिन हमेशा के लिए पति से बिछड़ने का दुख उनके चेहरे पर साफ देखा जा सकता था। जम्मू-कश्मीर के उड़ी (बारामुला) सेक्टर में शहीद हुए नापड़ गांव निवासी 41 वर्षीय 21 कुमांऊ रेजीमेंट के हवलदार गोकर्ण सिंह चुफाल इसी साल दिसंबर में सेना से रिटायर होने वाले थे। गोकर्ण सिंह की पत्नी औऱ बच्चे बरेली में रहते थे, ऐसे में रविवार को शहीद जवान की पत्नी गीता और दो बच्चों को बरेली से पैतृक आवास लाया गया। शहीद की पत्नी ने तिरंगे में लिपटे पति के पार्थिव शरीर की आरती उतारकर उन्हें सेल्यूट किया। तिरंगा में लिपटे पति की आरती उतारने की ये भावुक कर देने वाली तस्वीर देख वहां मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गई।

इस lockdown के दौरान अगर आपके पास है घर जाने का E-PASS तो यहाँ से करवाइये अपनी कैब Book, क्लिक करें

गोकर्ण सिंह 16 दिसंबर 1996 को सेना में भर्ती हुए थे। बच्चों की शिक्षा के लिए उन्होंने पत्नी गीता, पुत्र मनीष और पुत्री चांदनी को बरेली में किराए के मकान में रखा था। गोकर्ण सिंह के माता-पिता का देहांत हो चुका है।आपको बता दें कि शुक्रवार देर रात जम्मू-कश्मीर के बारामुला के उरी और रामपुर सेक्टर में पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया औऱ भारतीय चौकियों पर जबरदस्त फायरिंग की। हालांकि भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब भी दिया लेकिन उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के 21 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात गंगोलीहाट ब्लॉक के नाली गांव निवासी 31 वर्षीय नायक शंकर सिंह और मुनस्यारी ब्लॉक के नापड़ गांव निवासी 41 वर्षीय गोकर्ण सिंह शहीद हो गए।

यह भी पढ़ें: यह भी पढ़िये: उत्तराखंड: शहीद जवान शंकर के मां से अंतिम शब्द, “माँ फायरिंग शुरु हो गई है, बाद में फोन करुंगा”


LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here