देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले उत्तराखंड के गंगोलीहाट निवासी वीर जवान शंकर सिंह महरा की मां अपने बेटे की शहादत की खबर मिलने के बाद से ही बदहवास है। बताया जा रहा है कि जवान शंकर सिंह रोज अफनी मां जानकी देवी और पत्नी इंद्रा से बात करते थे। शुक्रवार को भी शंकर ने अपनी मां से बात कि तो उन्होंने बताया कि इन दिनों सीमा पर गोलीबारी की घटनाएं बढ़ गई है।
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फिर बात करते-करते उन्होंने कहा कि मां फायरिंग शुरू हो गई है बाद में फोन करूंगा। इसके बाद फोन कट गया। इस फायरिंग में शंकर सिंह बुरी तरह घायल हो गए औऱ बाद में इलाज के दौरान वे शहीद हो गए। शंकर सिंह की शहादत की खबर मां को शुक्रवार को नहीं दी गई लेकिन शनिवार सुबह जब गांव के लोग वहां पहुंचने लगे तो उन्हें कुछ अनहोनी की आशंका हुई। जिसके बाद बेटे की शहादत की खबर सुनने के बाद से ही उनका बुरा हाल है। जवान शंकर सिंह महज 31 साल के थे और उनका जन्म पांच जनवरी 1989 को हुआ था। 23 मार्च 2010 को सेना की 21 कुमाऊं में भर्ती हुए थे। शंकर सिंह के छोटे भाई नवीन सिंह सात कुमाऊं में जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। शंकर का सात वर्ष पूर्व उनका विवाह इंद्रा के साथ हुआ था औऱ उनका छह साल का बेटा हर्षित है। शहीद जवान का मासूम बेटा हर्षित अपने पिता की शहादत से अंजान है। उसे यह भी पता नहीं कि अब उसके सिर पर पिता का साया नहीं रहा।