पूरे भारत में कोरोना वायरस के संक्रमित मामले तेजी से बढ़ते जा रहा है और अब हर दिन लगभग 200 से ज्यादा लोग भारत में इस महामारी का शिकार हो रहे हैं। कोरोना संकट के इस दौर में खतरनाक महामारी के कहर से लोगों की जान बचाने के लिए स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान की बाजी लगा कर डटे हुए हैं। देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या अब 2000 से ऊपर हो चुकी है। इनमें से अकेले 358 केस मरकज से जुड़े हुए बताये जा रहे हैं। चिंता की बात यहाँ इससे भी बढ़कर ये है कि मरकज से जुड़े करीब 8000 लोगों में संक्रमण का खतरा है। इससे भी भयावह यह है कि ये लोग देश के अलग-अलग राज्यों में फैल चुके हैं।
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उत्तराखंड में भी पिछले एक महीने के दौरान जमात से लौटे 173 लोगों को होम क्वारंटीन कर दिया गया है। इसके अलावा तमाम ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जहाँ लोग जमात से लौटने की जानकारी प्रशासन से छुपा रहे हैं। इसी मामले में ऊधमसिंह नगर और श्रीनगर में जमातियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये जा चुके हैं। दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज में जुटे कई हजार जमातियों में उत्तराखंड के भी 34 जमाती शामिल होने की जानकारी मिली है। इनमें से 26 अभी नहीं लौटे हैं, जबकि कुछ दिन पहले लौटे आठ लोगों को कोरोंटाइन कर दिया गया है।
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पुलिस प्रशासन ने दो दिन के प्रयासों के बाद तमाम जमातियों को होम क्वारंटीन करने में सफलता पायी है। इन लोगों को उनके परिजनों को से दूर रहने की चेतावनी भी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके मेडिकल परीक्षण में जुटी है। सबसे चुनौतीपूर्ण यहाँ ये है कि इतनी कोशिशों और प्रचार-प्रसार के बाद भी कुछ जमाती अपनी उपस्थिति को पुलिस से छिपा रहे हैं। श्रीनगर कोतवाली में बिजनौर से लौटे जमातियों के खिलाफ इसी लिए मुकदमा दर्ज किया गया है। और दूसरा मुकदमा ऊधमसिंह नगर में दर्ज किया गया है।