कोरोना का असर इस बार आईएमए की पासिंग आउट परेड पर साफतौर से देखा गया।IMA की पासिंग आउट परेड इस बार बेहद ही सादगी में संपन्न हुई। इस बार पीपिंग सेरेमनी में परिजनों की जगह ऑफिसर्स ने जांबाज अधिकारियों के रैंक सजाए। देहरादून में हुई पासिंग आउट परेड में उत्तराखंड के 31 जांबाज सेना में अधिकारी बनें। इन अधिकारियों में पिथौरागढ़ के दो ऐसे भी भाई शामिल हैं, जो एक-साथ पले-बढ़े और एक साथ ही आईएमए में दाखिल भी हुए।
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पिथौरागढ़ के रोहित सिंह वाल्दिया और विकास सिंह वाल्दिया एक साथ भारतीय सेना में शामिल होकर पिथौरागढ़ का नाम रोशन किया है। रोहित ने 12वीं पास करने के बाद एनडीए के जरिए आईएमए में दाखिल हुए। वहीं, विकास सीडीएस के जरिए आईएमए में दाखिल हुए। रोहित और विकास ने कहा कि कोरोना संकट के चलते परिजन इस बार पीपिंग सेरेमनी में शामिल नहीं हो पाए। लेकिन दोनों भाइयों ने एक-दूसरे को रैंक सजाकर खुशी को आपस में बांटा है।
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रोहित के मुताबिक उनके पिता भी भारतीय सेना के सिग्नल यूनिट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। पिता के बाद वे भी जल्द सिग्नल यूनिट में बतौर अफसर ज्वॉइन करने वाले हैं। वहीं, विकास का कहना है कि उनके माता-पिता की कड़ी मेहनत और शिक्षा की बदौलत दोनों भाई आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। विकास के मुताबिक दोनों भाई आईएमए की ट्रेनिंग के दौरान अक्सर एकेडमी में मिलते रहते थे और उन्होंने इस लम्हे का खूब आनंद उठाया है।