पंतनगर विश्वविद्यालय परिसर से सवारी लेकर झारखंड गई कार लौटते समय ऊंचाहार (रायबरेली) में ट्रक से टकरा गई। हादसा इतना भयानक था कि कार के परखचे उड़ गए। हादसे में विवि से सेवानिवृत्त दो कर्मियों सहित तीन लोगों की मौत हो गई। सेवानिवृत्त कर्मी पेंशन जारी रखने के लिए जीवित होने का प्रमाण पत्र देने पंतनगर आ रहे थे।
तीन दिन पहले बेनी पंतनगर निवासी रामगियावन गुप्ता (52) अपनी कार (संख्या यूके 08 एई 6300) में छह सवारी लेकर झारखंड गया था। सवारी छोड़ने के बाद वापसी में रामगियावन ने पंतनगर तक के लिए तपेश्वर (63) निवासी ग्राम सेमरेबुढ़नी, महुआडांग जिला लातेहार झारखंड और बलकू महतो (60) निवासी लातिहारपुर झारखंड को कार में बैठा लिया था। तपेश्वर और बलकू पंतनगर विवि से मेट पद से सेवानिवृत्त होकर अपने पैतृक घर झारखंड चले गए थे।
यह दोनों लोग ट्रेजरी में अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र देने पंतनगर आ रहे थे। हादसे में इन दोनों समेत गाड़ी चालक की मौत हो गई। हल्दी के आई ब्लॉक में रहने वाले तपेश्वर के पुत्र अनूप कुमार ने बताया कि हादसा सोमवार देर रात को हुआ। उसकी अपने पिता से बनारस पहुंचने पर बात हुई थी।
उसने बताया कि हादसा एक गाय को बचाने के चक्कर में हुआ था। हादसे में जान गंवाने वाला रामगियावन गुप्ता पंतनगर और रुद्रपुर में परचून की दुकान चलाने के साथ ही गाड़ी भी किराए पर चलाता था। वहीं, बलकू महतो का परिवार विवि के क्यू ब्लॉक बेनी पंतनगर में रहता है। ऊंचाहार कोतवाल विनोद कुमार सिंह ने सड़क हादसे में तीनों की मौत की पुष्टि की है।
हादसे का शिकार तपेश्वर के पुत्र अनूप ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त कार से ही उसकी मां झारखंड गई थी। वापसी में इसी कार में उसके पिता पंतनगर लौट रहे थे लेकिन वह पंतनगर पहुंचने से पहले ही हादसे का शिकार हो गए। वह तीन भाई हैं, जिनमें से दो झारखंड में रहते हैं।
हादसे में जान गंवाने वाले रामगियावन चार भाइयों में तीसरे नंबर के थे। उनकी चार बेटियां और एक बेटा है। एक बेटी को छोड़कर सभी की शादी हो चुकी है। रामगियावन की मां लक्ष्मी (95) जीवित हैं। परिजनों ने उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें हादसे की जानकारी नहीं दी है। रुद्रपुर के अटरिया मंदिर रोड में रामगियावन का पुत्र परचून की दुकान चलाता है।
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