उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले के मालपा के महाकाली नदी पर बनी एक झील के फटने की आशंका की रिपोर्ट से नेपाल प्रशासन में हड़कंप मच गया है। नेपाल प्रशासन की ओर से जारी ऐसी रिपोर्ट के बाद भारतीय प्रशासन भी सतर्क हो गया है। नेपाल ने अलर्ट जारी करते हुए महाकाली और शारदा किनारे बसी आबादी और नदी में कार्य कर रहे लोगों को सतर्क रहने का फरमान जारी कर दिया है। प्राकृतिक आपदा के लिहाज से उत्तराखंड पहले से ही बेहद संवेदनशील राज्य है। साल 2013 में हुई केदारनाथ आपदा को भला कौन भूल सकता है और अब एकबार फिर उत्तराखंड पर एक और बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
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उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की सीमाएं नेपाल और चीन जैसे देशों से सटी हैं। ऐसे में अगर झील फटती है तो तबाही सिर्फ नेपाल में ही नहीं बल्कि भारत में भी आएगी। नेपाल के सीमांत कंचनुपर जिले के जिला प्रशासन कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी कृष्णानंद जोशी की ओर जारी रिपोर्ट के मुताबिक लंबे समय से दार्चुला के मालपा नामक स्थान में महाकाली नदी पर बनी झील के किसी भी वक्त फटने की आशंका है। ऐसा होने पर उसमें जमा पानी तबाही का कारण बन सकता है।
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टनकपुर के एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने बताया कि नेपाल प्रशासन की ओर से जारी अलर्ट की जानकारी है, लेकिन भारतीय प्रशासन के पास फिलहाल ऐसी कोई सूचना नहीं है। फिर भी एहतियात के तौर पर एनएचपीसी के टनकपुर बैराज प्रशासन और खनन में लगे श्रमिकों को अलर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि नेपाल प्रशासन की इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। धारचूला के एसडीएम अनिल शुक्ला ने भी एहतियाती कदम उठाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि नेपाल प्रशासन की इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।