बात है साल 1997 के जब उत्तराखंड में एक नये जिले का गठन हुआ है, इस नये जिले का निर्माण उत्तराखंड के अन्य 3 जिलों के कुछ-कुछ हिस्सों से लेकर किया गया था, यानी कुछ हिस्सा पौड़ी गढ़वाल से कुछ हिस्सा टिहरी से और कुछ हिस्सा चमोली जिले से लेकर बना था यह छोटा सा जिला। अपने अस्तित्व के लगभग 20 साल बाद ही यह जिला कई मामलों में अन्य जिलों को पीछे छोड़ता हुआ खुद उनसे मीलों आगे बढ़ता जा रहा है जिसका एक कारण तो यहाँ के मेहनती और कुशल लोग हैं ही वहीं जो दूसरा प्रमुख कारण है वो है यहाँ काम करने वाले अधिकारियों की बेहतरीन कार्यकुशला जो अपने कार्यभार को संभालने के बाद ही जिले के चहुंमुखी विकास के कामों में लग जाते हैं।
अब इसी बेहतरीन कार्यकुशला का ईनाम एक बार फिर रुद्रप्रयाग जिले को मिल रहा है और वो है प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) में जिले ने शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है, और उससे भी कमाल की बात ये है कि इस परियोजना में पूरे देशभर में रुद्रप्रयाग जिले को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। इसका काफी हद तक श्रेय जाता है जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल को जिनके बेहतरीन प्रयासों के बल पर ही ये मुकाम जिले को हासिल हुआ है और अब आगामी 11 सितम्बर को जब दिल्ली में जिले को यह सम्मान मिलने वाला है तो इसकी अगुवाई खुद जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल करेंगे।
इस पीएमएवाई-जी परियोजना की शुरुआत 2016-2017 में हुई थी, और फिर जिले के अधिकारियों ने 2011 की जनगढ़ना के आधार पर जिले के आवास विहीन परिवारों को चिह्नित किया। इसके बाद चयनित परिवारों के रजिस्ट्रेशन से लेकर उन्हें आवंटित की जा रही धनाराशि की प्रगति रिपोर्ट को केंद्र सरकार के सॉफ्टवेर में सही समय पर अपलोड किया गया, चिन्हित परिवारों को तीन किश्तों में यह धनराशी दी गयी जिसमे पहली किश्त 60 हजार, दूसरी 40 हजार और तीसरी 30 हजार थी। इसके बाद पीएमएवाई-जी परियोजना परियोजना की लगातार मोनिटरिंग की जाती रही और इसी मेहनत का नतीजा है कि अब रुद्रप्रयाग जिले को देशभर में पहला स्थान पाकर यह सम्मान मिलने जा रहा है।