उत्तराखंड के दिग्गज नेताओं में शुमार अजय भट्ट पहली बार नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बने हैं। वह पहली बार के सांसद भले हों, लेकिन उनके पास लंबा राजनीतिक अनुभव है। इसके साथ ही वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में अपने नेतृत्व में तीन चौथाई से अधिक बहुमत के साथ बीजेपी को सत्ता में लाने का श्रेय भी है। उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड में विधायक और मंत्री के अलावा पार्टी में विभिन्न सांगठनिक पदों पर रह चुके भट्ट ने नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा क्षेत्र से 2019 में पहली बार संसदीय चुनाव लड़ा। मुकाबले में कांग्रेसी दिग्गज हरीश रावत को उन्होंने करीब तीन लाख चालीस हजार मतों से पटखनी दी, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा मतों के अंतर से दर्ज की गई जीत थी।
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उत्तराखंड के नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा से सांसद अजय भट्ट भाजपा के बेहद वरिष्ठ और कर्मठ नेता हैं। वह मूल रूप से अल्मोड़ा के रहने वाले हैं। ब्राह्मण परिवार से आने वाले अजय भट्ट ने बेहद मुफलिसी का दौर भी देखा है। अजय भट्ट का जन्म 01 मई, 1961 को अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में हुआ। उनके पिता का नाम स्व. कमलापति भट्ट और मां का नाम तुलसी देवी भट्ट था। बचपन में ही पिता का साया उठने के कारण उनका जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा। परिवार का पालन पोषण करने के लिए वह एक किराये की छोटी सी सब्जी की दुकान चलाते थे। अजय भट्ट मेहनती, आत्मविश्वासी और जुझारु व्यक्ति रहे हैं। उन्होंने अल्मोड़ा कॉलेज से अपनी एलएलबी की पढ़ाई पूरी की और अपनी पहचान एक नामी और काबिल वकील के तौर पर कायम की। उनकी पत्नी पुष्पा भट्ट पूर्व में जज रही चुकीं हैं तथा वर्तमान में उच्च न्यायालय नैनीताल में अपर महाधिवक्ता के पद पर कार्यरत हैं।
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जीवन की शुरूआत से ही भट्ट का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव रहा। फिर वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए। उन्होंने 1980 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा। उत्तराखंड पृथक राज्य आंदोलन में भी उन्होंने सक्रिय भागीदारी निभाई। इससे पहले अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के दौरान भी भट्ट ने दो बार गिरफ्तारी दी। भट्ट तीन बार विधायक रहे। 2012-17 में वह नेता प्रतिपक्ष रहे। इससे पूर्व 2015 में प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। अजय भट्ट ने दोनों पद बखूबी संभाले। 2017 में भाजपा के पक्ष में प्रचंड लहर होने के बावजूद विधानसभा चुनाव हार गए। मगर पार्टी में साख बरकरार रही। नतीजतन, 2019 के लोकसभा चुनाव में अजय भट्ट को भाजपा ने पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ नैनीताल सीट से मैदान में उतारा। तब अजय तीन लाख से भी अधिक मतों से जीत कर संसद पहुंचे।