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उत्तराखंड में चीन सीमा तक भारत की पहुँच हुई आसान, इस जगह बनकर तैयार हुई सड़क

उत्तराखंड में बहुत बड़ा इलाका है जो चीन से लगा हुआ है, डोकलाम घटना के बाद से भारत सरकार और सेना ने इस बात की कोशिश तेज कर दी थी कि बॉर्डर तक अच्छी तरह से कनेक्टिविटी बने। जिसके बाद देशभर के साथ ही उत्तराखंड में भी चीन से लगती हुई सीमा पर सड़कों का जाल बिछाने के लिए तेजी से प्रयास शुरू कर दिए गए थे। इसी कड़ी में भारत ने पिथौरागढ़ से लगी चीन सीमा तक सड़क पहुंचाने में सफलता हासिल की है। बीआरओ ने घटियाबगड़ से लिपूपास सड़क का निर्माण पूरा कर लिया है।

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उत्तराखंड में इस सड़क के बनने से देश की ताकत न सिर्फ सामरिक दृष्टि से मजबूत हुई है बल्कि कैलास मानसरोवर के यात्रियों को भी बड़ी राहत मिल गयी है। पिथौरागढ़ जिले के सीमांत धारचूला स्थित  घटियाबगड़ से लिपूपास तक 75 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा हो गया है। आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैलाश मानसरोवर के लिए लिंक रोड का उद्घाटन भी कर दिया है। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाने भी उपस्थित थे।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा तक रोड कनेकक्टिविटी को एक बड़ी उपलब्धि बताया है। बीआरओ की सराहना की और कहा कि लिपुलेख तक सड़क बनने से कैलाश यात्रा सुगम होगी। स्थानीय लोगों को भी सड़क सुविधा मिलेगी। इससे भारत चीन व्य्यापार को गति मिलेगी और विकास को बल मिलेगा। 2003 में बीआरओ को इस सड़क के निर्माण का जिम्मा सौपा गया था, जिसे 2008 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण निर्माण कार्य निर्धारित समय पर पूरा नहीं हो पाया। इसके बाद पहले 2012 फिर 2016 और 2018 तक निर्माण कार्य का समय बढ़ाया गया। आखिरकार बीआरओ ने मई 2020 में इस अहम सड़क को पूरा कर लिया है।


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