उत्तराखंड में पिछले दो-तीन दिन से बड़ी संख्या में प्रवासी लोग अपने घरों की ओर आ रहे हैं और अब तक लगभग 10,000 के आसपास लोग अपने घर पहुँच चुके हैं। इस दौरान कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहाँ पता चल रहा है कि प्रवासी लोग ग्राम प्रधान का कहना नहीं मान रहे हैं। तो अगर अब बाहर से आने वाले प्रवासियों ने ग्राम प्रधानों की बातों का पालन नहीं किया तो ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने ग्राम प्रधानों को यह अधिकार फिलहाल 30 जून तक दे दिया है। उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने यह आदेश जारी कर दिया है।
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सभी जिलाधिकारियों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि ऐसे व्यक्ति जिन्होंने राज्य या जनपद में पंजीकरण नहीं कराया और सीधे गांव पहुंच गए, उनका पंजीकरण का दायत्वि ग्राम प्रधानों के पास रहेगा। गांवों में यदि कोई कोरोना संदिग्ध पाया जाता तो प्रधान इसकी सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारियों या नामित चिकित्सक को देंगे। इस दौरान जो व्यक्ति ग्राम प्रधानों के निर्देशों का पालन नहीं करेंगे,उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 के साथ-साथ एपिडेमिक डिजीजेस एक्ट 1897 व उत्तराखंड एपेडेमिक डिजीजेस कोविड- 19 रेगुलेशन एक्ट 2020 के तहत कारवाई की जाएगी।
ग्राम प्रधानों के दायित्व—
बाहर से आने वाले सभी व्यक्तियों को 14 दिन के होम क्वारंटाइन अनिवार्य रहना होगा।
होम क्वारंटाइन की सुविधा न होने पर समीप के स्कूल, पंचायतों घरों और सामुदायिक स्थानों पर क्वारंटाइन की व्यवस्था की जा सकती है।
बाहर से आने वाले और पंजीकरण कराने वाले सभी व्यक्तियों के मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा।
प्रधान गावों में रहने वाले व्यक्तियों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
सभी स्थानों पर बिजली, पानी, सफाई की व्यवस्था प्रधान करेंगे।
क्वारंटाइन रखने में आए खर्चे का ब्योरा प्रधान जिलाधिकारी को कराएंगे उपलब्ध।