जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में कर्नल, मेजर और 3 जवान शहीद हो गए। इस एनकाउंटर में हरियाणा के पंचकूला के रहने वाले मेजर अनुज सूद शहीद हो गए। मेजर अनुज सूद ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स के अधिकारी थे। वे 21 राष्ट्रीय रायफल्स में तैनात थे। होनहार छात्र रहे अनुज सूद का चयन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में हो गया था, लेकिन उन्होंने आईआईटी की जगह एनडीए (NDA) को चुना। एनडीए में मेजर सूद ने उम्दा प्रदर्शन किया। वे अपने अनुशासन और इंटेलिजेंस के चलते 6 बार अव्वल रहे।
इस lockdown के दौरान अगर आपके पास है घर जाने का E-PASS तो यहाँ से करवाइये अपनी कैब Book, क्लिक करें
एक फौजी किस मिट्टी का बना होता है, ये मेजर सूद के पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद को देखकर पता चलता है। एक चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, “उसे 22 मार्च को आना था मगर लॉकडाउन की वजह से छुट्टी कैंसिल हो गई। 3 मई को उसकी फ्रेश लीव लगी थी, उसे घर आना था। घर आएगा…” इसके बाद ब्रिगेडियर सूद चुप हो जाते हैं। फिर थोड़ा संभलते हुए कहते हैं, ”…आएगा घर।” मेजर अनुज सूद की शादी 2 साल पहले हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा की रहने वाली आकृति से हुई थी। मेजर सूद की पत्नी पुणे में एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं। मेजर अनुज सूद की एक बड़ी बहन ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं, वहीं छोटी बहन सेना में कैप्टन के पद पर तैनात हैं।
यह भी पढ़ें: जय हिन्द सर! पिता ने कहा कि अनुज ने मेरा सिर फख्र से ऊंचा कर दिया, बेटा तुझे सलाम