हरिद्वार महाकुम्भ 2021 के लिए गाइडलाइन्स यानि SOP जारी हो गयी है। इसके तहत कुंभ मेले के दौरान स्नान ध्यान के लिए अधिकतम 20 मिनट का समय ही मिल पाएगा। श्रद्धालुओं के लिए इस समय का पालन करने के लिए कुंभ मेला प्रशासन को पर्याप्त संख्या में घाटों पर कर्मचारी तैनात रखने होंगे। इतना ही नहीं SOP में कहा गया है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कुम्भ मेला प्रशासन को गंगा घाटों पर तैराक भी तैनात रखने होंगे। कुंभ मेला की जारी इस Standard operating procedure (एसओपी) में घाटों पर स्नान की व्यवस्था स्पष्ट की गई है।
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प्रत्येक यात्री पर नज़र रखने के लिए पर्याप्त कर्मचारी रखने होंगे ताकि 20 मिनट के तुरंत बाद तीर्थयात्रियों की निकासी संभव हो सके और तीर्थयात्रियों का अगला समूह समय पर स्नान कर सके। Standard operating procedure में कहा गया है कि कुंभ मेले के दौरान स्नान घाटों पर किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने को मौके पर तैराक, गोताखोर तैनात रखे जायेंगे। हरिद्वार कुंभ मेले में इस बार बाहरी राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों को अपने राज्य से ही कोरोना फिटनेस प्रमाण पत्र बनवाकर लाना होगा। साथ ही आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट लानी भी अनिवार्य होगी। राज्य सरकार ने कई और पहलुओं पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
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कुंभ के दौरान ठहरने के लिए 72 घंटे के भीतर की कोविड निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगी। थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर जरूरी होगा। कोविड रिपोर्ट न हुई तो पंजीकरण नहीं करा सकेंगे। एंट्री पास और हथेली पर स्याही का निशान जरूरी होगा। कोविड के लक्षण मिले तो तत्काल सूचना पुलिस, मेला प्रशासन को देनी होगी। अगर मेले में कोई 65 वर्ष से अधिक या 10 वर्ष से कम आयु के श्रद्धालु आते हैं तो आश्रम या धर्मशाला को ऐसे लोगों को हतोत्साहित किया जाएगा। इसी प्रकार होटल, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट के लिए भी नियम होगा। मेले के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य होगा। रेल के माध्यम से कुंभ मेला आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए भी खास निर्देश जारी किए गए हैं। उनके पास कुंभ मेले का पंजीकरण होना जरूरी है।
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