कहा जाता है कि जब कोई व्यक्ति मजबूत और मशहूर होता है तो स्वतः ही उसका लाभ उसके अपने लोगों को भी मिलने लगता है। अब आप अपने पवनदीप राजन को ही देख लीजिये! उनकी गायिकी का जादू देश और दुनिया के लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। ‘इंडियन आइडल’ बनने से चंद कदम दूरी पर खड़े पवनू की इस ख्याति से देवभूमि भी चमकने–दमकने लगी है। पिछले इंडियन आइडल के एपिसोड में पवनदीप की ‘उत्तराखंडियत’ ने सबका दिल जीत लिया। ग्रांड फिनाले से ठीक पहले सभी कंटेस्टेंट अपने–अपने घर से वापस फिनाले के लिए लौटे।
एक साल बाद दिल्ली से देहरादून और हरिद्वार जाने में लगेंगे सिर्फ 2 घंटे: नितिन गड़करी
बाकी कंटेस्टेंट्स से हटकर पवनदीप राजन अपने गांव चंपावत से इंडियन आइडल के जजों के लिए एक बक्से में भरकर उपहार लाए। ये उपहार कुछ और नहीं बल्कि उत्तराखंड के स्थानीय जैविक उत्पाद थे। उन्होंने एपिसोड के दौरान मशहूर निर्माता–निर्देशक करण जौहर को गाय का घी, हिमेश रेशमिया को कद्दू, सोनू कक्कड को शहद और अन्नू मलिक को आचार दिया। साथी गायकों को पवन ने एक–एक पहाड़ी टोपी गिफ्ट की।
केदारनाथ: देवस्थानम बोर्ड के विरोध में PM मोदी को खून से लिखी चिट्ठी, ‘हमारे हक के साथ हो रहा खिलवाड़’
जाहिर है इतने बड़े मंच से इन उत्पादों की ब्रांडिंग तो हुई ही होगी। जो ब्रांडिंग सरकार करोड़ों खर्च करके भी प्रभावी तरीके से नहीं कर पातीं, पवनदीप ने एक झटके में कर दी। उसका ये ‘पहाड़ीपन’ दिल को छू गया। पवनदीप राजन की तरह हम सभी को अपने पहाड़ी होने पर गर्व होना चाहिए। जहां मौका मिले, जब मिले उत्तराखंडियत को आगे बढ़ाइये।