Home उत्तराखंड कलयुगी बहु-बेटे ने माँ का मारकर किया बुरा हाल, देवभूमि में दर्ज...

कलयुगी बहु-बेटे ने माँ का मारकर किया बुरा हाल, देवभूमि में दर्ज होने वाला यह पहला मुकदमा

ये पता नहीं हम कौन से आधुनिक दुनियां में आ गये हैं, पता नहीं वो संस्कृति कहाँ विलुप्त हो गयी जिसके लिए पूरा भारत वर्ष जाना जाता था, भारत तो अपने आदिकाल से ही “वसुधैव कुटुम्बकम” नाम की संस्कृति के लिए जाना जाता था, अर्थात सारा संसार ही उसका घर है और जहाँ सभी लोग मिल-जुलकर रहते थे,  और उसमें भी देवभूमि उत्तराखंड तो सभी प्रदेशों से अव्वल रहता था और जाना जाता था अपनी देवसंस्कृति के लिए, पर अब आधुनिकता के नाम पर समाज इतना दोगला होता जा रहा है कि कुछ कहा नहीं जा सकता। इस आधुनिकता के चक्कर में और आरामदायक जीवन के फेर में  आज के बहु-बेटे तक अपने माँ-बाप को साथ रखने में हिचकाते हैं, और अगर कुछ लोग मजबूरन साथ रख भी रहे हैं तो आये दिन उनसे झगडा और मारपीट आम दिनचर्या होती जा रही है। इस सब से परेशान होकर मजबूरन बुजुर्गों को इधर-उधर भटकना पड़ता है और बहुत  बुजुर्ग तो जहाँ वृधाश्रम में चले जाते हैं वहीँ बहुत बुजुर्ग आत्महत्या तक कर लेते हैं।

आज हम यहाँ ऐसे ही एक पीड़ित माँ गामी देवी (80) गांव बहादरपुर जट हरिद्वार के बारे में बता रहे हैं, उनके पति का निधन वर्षो पहले हो चुका है, और उसके बाद कहने को तो उनके तीन-तीन बहु-बेटे हैं पर दो तो उनमें से उन्हें कभी भी साथ रखने को तैयार नहीं थे, और तीसरा बेटा मांगे राम भी इसलिए साथ रख रहा था कि कहीं दुनियां के ताने न सुनने पड़े, पर आये दिन वो अपनी माँ को बात-बात पर डांटता रहता था, पर अब तो हद ही हो गयी उसने और उसकी बीवी ने वृद्ध माँ की जमकर पिटाई कर दी और उसे घर से चले जाने को कह दिया, पर कहते हैं न आज भी समाज में कुछ अच्छे लोग रहते हैं तो उन्होंने मांगे राम और उसकी बीवी को सबक सिखाने के लिए तुरंत पुलिस को सूचना दे दी, जिसके बाद पुलिस तुरंत मोके पर पहुंची।

और अब पुलिस ने बहु-बेटे को सबक सिखाने के लिए दोनों पर मुकदमा दर्ज कर दिया है और इसके साथ ही वृद्धा के अन्य दोनों बेटों के भी जांच करने के निर्देश दिए हैं,  और कानून के तहत बहु-बेटे को 3 माह की सजा हो सकती है। इसके साथ ही पुलिस ने बुजुर्ग माँ को अपनी अभिरक्षा में ले लिया है। जब एसएसपी कृष्ण कुमार वीके से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों को तुरंत राहत प्रदान करने और न्याय दिलाने के लिए यह कदम उठाया गया है ताकि समाज को एक संदेश दिया जा सके, कोई भी ऐसा सख्स जो अपने कर्तव्यों का निर्वहन न करते हुए माता-पिता की उपेक्षा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे ये भी बताया कि देवभूमि में इस अधिनियम के तहत दर्ज होने वाला यह पहला मुकदमा है।