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बस 26 जनवरी और 15 अगस्त को आती है आजादी के योद्धाओं की याद…देवभूमि में आज भी इतने सेनानी हैं जीवित

प्रत्येक वर्ष भारत 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। 1947 में इसी दिन भारत ने यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। इस दिन का भारतीय इतिहास में उल्लेखनीय स्थान है क्योंकि यूनाइटेड किंगडम की संसद द्वारा भारतीय संविधान सभा को विधायी संप्रभुता प्रदान की गई थी। स्वतंत्रता दिवस भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह दिन हमें स्वतंत्रता की भावना में आनन्दित होने की अनुमति देता है।

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पर भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले योद्धा सिस्टम की बेरुखी से आहत हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बहुगुणा के मुताबिक सरकार की ओर से उनके निशुल्क इलाज की व्यवस्था है, लेकिन उन्हें अस्पताल की लंबी लाइन में लगना पड़ता है। शासन-प्रशासन को किसी मसले पर पत्र लिखते हैं तो उसका जवाब तक नहीं आता। प्रदेश सरकार 21 हजार रुपये पेंशन दे रही है, लेकिन इससे ज्यादा दवा पर खर्च हो जाता है। शासन-प्रशासन को केवल 15 अगस्त में ही उनकी याद आती है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के प्रदेश सचिव अवधेश पंत बताते हैं कि प्रदेश में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के करीब 40 हजार परिवार हैं।

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सरकार की ओर से उन्हें जो सुविधाएं मिलनी चाहिए थी नहीं दी जा रही है। उनके लिए सौ मीटर जमीन का शासनादेश हुआ था। जो आज तक नहीं मिली। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को मात्र चार हजार रुपये पेंशन दी जा रही है। प्रदेश में अब मात्र 15 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जीवित हैं। इसमें ऊधम सिंह नगर जिले में चार, देहरादून और हरिद्वार में तीन-तीन, पौड़ी, उत्तरकाशी, नैनीताल, अल्मोड़ा और बागेश्वर में एक-एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी है।

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नाम                             –         पता

स्वर्ण सिंह                       –           ग्राम मैनाझुण्डी ऊधमसिंह नगर

सेवा सिंह                      –            दानचौड़ा ऊधमसिंह नगर

दर्शन सिंह                    –              डोहरा ऊधमसिंह नगर

अनूप सिंह                      –         ग्राम नमूना ऊधमसिंह नगर

शिवराज सिंह                –             अमरावती कालोनी हल्द्वानी जिला नैनीताल

ओम कुमारी                  –         कालीदास रोड, देहरादून

राम प्रताप बहुगुणा        –          करनपुर बाजार, देहरादून

साधू सिंह बिष्ट                –       बारुवाला तरली जौली, डोईवाला, देहरादून

नंदलाल धींगडा                 –     ललतारौ पुल हरिद्वार

भारत भूषण विद्यालंकार      –    ज्ञानलोक कालोनी कनखल हरिद्वार

सौराज सिंह राणा             –         लक्सर हरिद्वार

मुरली सिंह                     –          ग्राम मवाकोट कोटद्वार जिला पौड़ी गढ़वाल

चिंद्रियाल लाल                –         ग्राम जुणगा उत्तरकाशी

आनंद सिंह बिष्ट              –            ग्राम पस्तौडापार अल्मोडा

राम सिंह चौहान             –            ग्राम वज्यूला जिला बागेश्वर

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