इस साल देवभूमि के युवाओं ने एक बार फिर नाम रोशन किया है। बेटियों के साथ बेटों ने भी देवभूमि को गौरवान्ति किया। शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में पासिंग आडट परेड में कमांडर दीपक सिंह बिनौली ने ड्रिल स्क्वायर बड़ा कदम रख उत्तराखंड का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। पश्चिमी कमान के जीओसी इन सी लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह ने दीपक सिंह को स्वर्ण पदक व ब्रिगेड ऑफ गार्ड अवार्ड भेंट किया। उनके पैतृक गांव अनोली मानू धौलादेवी ब्लॉक जश्र का माहौल है। फौजी बनने की प्ररेणा दीपक को नाइन-कुमाऊं रेजिमेंट से रिटायर्ड ऑनरी नायब सूबेदार त्रिलोक सिंह बिनौली से विरासत में मिली। उसकी मां उमा देवी बिनौली भी उसे जज्बा दिया। दीपक की प्रारंभिक शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल अल्मोड़ा से हुई। बचपन से ही मेधावी दीपक ने परीक्षा उत्तीर्ण कर राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल बंगुलुरु में दाखिला लिया। 12वीं तक की पढ़ाई वहां से पास की। इसके बाद दीपक का का चयन बंगलुरु से ही एनडीए में हो गया। उसने 16वीं रैंक हासिल की। पढना जारी रखें:
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करीब तीन वर्ष प्रशिक्षण लेने के बाद जून 2020 में उसने आइएमए देहरादून में कदम रखा। शनिवार को पासिंग आउट परेड के कमांडर के रूप में उसे मेरिट में स्वर्ण पदक व ब्रिगेड ऑफ गार्ड अवार्ड प्रदान किया गया। पिता ऑनरी नायब सूबेदार त्रिलोक सिंह के अनुसार सैन्य परिवार से होने के कारण दीपक को नाइन कुमाऊं में ही लखनऊ में पहली पोस्टिंग मिली है। जब जाबांज पोता सेना में शामिल हो रहा था उस पल को पिता नायब सूबेदार त्रिलोक सिंह ने यहीं से ऑनलाइन परेड लखनऊ में दीपक के 93 वर्षीय दादा नैन सिंह व दादी बसंती देवी और बाराकोट ब्लॉक के रैगांव चंपावत निवासी नाना-नानी जगदीश सिंह अधिकारी व नानी जयंती अधिकारी ने देखी। दीपक सिंह के माता- पिता बिठौरिया नंबर-एक आदर्श कॉलोनी हल्द्वानी में निवास करते हैं। उसका छोटा भाई संजय सिंह एमबी महाविद्यालय हल्द्वानी में बीकॉम की पढ़ाई कर रहा है।