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महादेव की वो रहस्यमय गुफा जिसकी जानकारी आपको चौंका देगी, दुनियां के नक्शे से थी गायब, जवानों ने खोज निकाला

उत्तराखंड राज्य देवभूमि होने के साथ-साथ अपने में कई रहस्यों को भी समेटे हुए है ऐसे ही एक रहस्य से अब पर्दा उठ चुका है, पर अभी भी इस जगह कुछ और अनोखे रहस्य हैं जिसे खोजा जाना बाकी है। चलिए हम आपको पूरी घटना से रूबरू करवाते हैं, उत्तराखंड के पिथोरागढ़ जिले में धारचूला के नजदीक स्थित है एक गाँव सीपू जो समुद्रतल से लगभग 12 हजार फीट की ऊँचाई पर स्थित है और इस गाँव से 12 किमी पैदल जाने के बाद यहाँ एक शिव गुफा स्थित है जिसकी जानकारी अब तक केवल गाँव के लोगों को ही थी और उनका मामना है कि यहाँ शिव रुके थे जिसके कारण यहाँ एक स्थान पर उनके निशान भी मौजूद हैं इसीलिए इस गुफा का नाम महादेव गुफा है और जब भी गाँव में कोई बढ़ा त्यौहार होता है तब शिव को प्रसाद चढ़ाने के लिए यहाँ लाया जाता है।

पिछले दिनों सीपू गाँव के दौरे पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के DIG एपीएस निंबाडिया यहाँ आये हुए थे उसके बाद गाँव के लोगों ने उन्हें इस गुफा के बारे में बताया और कहा कि वो चाहते हैं कि पूरी दुनियां को इस गुफा के बारे में पता चल सके जिससे कि ये एक पर्यटन केंद्र बन सके इसके बाद DIG एपीएस निंबाडिया इस बात से काफी प्रभावित हुए उन्होंने इसके बाद ITBP के जवानों को इस गुफा के बारे में ज्यादा जानकारी एकत्रित करने के लिए इस जगह जाने के निर्देश दिए उसके बाद ITBP के जवानों का एक दल समुद्रतल से लगभग 13 हजार फीट ऊपर स्थित इस महादेव गुफा की खोज करने के लिए निकल पड़े|

सबसे पहले जवानो को गुफा तक पहुँचने के लिए खड़ी चट्टानों को पार करना पड़ा और इसके बाद वो महादेव गुफा तक पहुंचे और यहाँ पहुंचकर वो आश्चर्यचकित हो गये और भम-भम भोले के जयकारे लगाने लगे, क्यूंकि ये गुफा लगभग इतनी चौड़ी बतायी जा रही है जिससे एक साथ 4 वाहन आर पार जा सकते हैं और उसके बाद जवान गुफा में 2 किमी अन्दर तक गये और उनका अनुमान है कि ये गुफा लगभग 5 किमी लम्बी है। इसके साथ ही वहां वो जगह भी है जहां महसूस होता है कि शिव यहाँ बैठे होंगे और यहाँ बहुत सारी संख्या में शिवलिंग भी मौजूद हैं गुफा के नजदीक ही एक मिलती माई का तालाब भी है और कहा जाता है कि ये तालाब सालभर पानी से भरा रहता है और इसकी खोज सबसे पहले तिब्बत के एक व्यापारी ने की थी और कहा जाता है कि गुफा की गहराई नापने के लिए वो व्यापारी अन्दर गया था लेकिन कभी बाहर नहीं आ पाया और उस व्यापारी की टोपी सीफू गाँव में फूटने वाली जलधार में कुछ समय बाद मिली थी। ITBP के जवान यहाँ पहुंचकर अभिभूत हो गये और उन्हें इस जगह की जमकर तारीफ की और अब उम्मीद है कि उत्तराखंड की सरकार भी इस महादेव गुफा पर ध्यान देगी और इसे पर्यटन का एक केंद्र बनाएगी।


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