उत्तराखंड में हरीश रावत को घेरने की प्रदेश भाजपा की रणनीति यहाँ फेल होती हुई नजर आ रही है। क्यूंकि जिस स्टिंग के बल पर आजतक बीजेपी उन्हें आये दिन परेशान करती आ रही थी उसी स्टिंग मामले को अब हरक सिंह रावत वापस लेने जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज मुकदमा अब काफी हल्का पड़ सकता है क्योंकि सीबीआई से जांच कराने की याचिका वापस लेने वाले हरक सिंह रावत का कहना है कि याचिका वापस लेने के बाद यह केस अपने आप खत्म हो जाएगा।
इस बात पर कानूनी जानकारों का यह कहना है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद याचिका वापस लेने पर भी मुकदमे पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि अब मुकदमा राज्य बनाम हरीश रावत भी हो गया है। आपको बता दें वर्ष 2016 में हरीश रावत का स्टिंग होने के बाद तत्कालीन मंत्री हरक सिंह ने इस पर सीबीआई जांच की मांग की थी। और इस स्टिंग के दौरान ही कांग्रेस से 10 विधायक बीजेपी के पाले में चले गए थे जिसके कारण हरीश रावत सरकार अल्पतम में आ गयी थी।
सीबीआई ने 23 अक्टूबर को जब मामला दर्ज किया था तो उसमें हरीश रावत के साथ-साथ हरक सिंह और पत्रकार उमेश शर्मा को भी आरोपी बना दिया था। और जब इस मामले में प्रदेश बीजेपी से समपर्क किया गया था तो उन्होंने इस पूरे मामले से पल्ला झाड दिया था। हरीश रावत के साथ-साथ चुनौती बने पत्रकार उमेश शर्मा और हरक सिंह रावत के भी निपट जाने के कयास लगा रही भाजपा की पेशानी पर अब बल पड़ गए हैं। भाजपा के प्रदेश महामंत्री खजान दास ने भी इस पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि हरक सिंह रावत ऐसा कैसे कर सकते हैं।