उत्तराखंड कांग्रेस में भूचाल पैदा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने बातों-बातों में एक बार फिर सीएम बनने की इच्छा जाहिर कर दी है। जबकि दो दिन पहले ही उन्होंने सोशल मीडिया पर लम्बी पोस्ट लिखकर कहा था कि अब युवाओं को मौका मिलना चाहिए और वो ऐसा उदाहरण पेश करेंगे जो देशभर के लिए मिसाल बने| लेकिन अब वो अपनी बात से पलटकर कहा कि उन्हें दोबारा मौका मिला तो दो अधूरे कामों को पूरा करेंगे। सरयू बगड़ में कुली बेगार प्रथा के शताब्दी वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को पहली राजनीतिक हार कहीं मिली तो वह उत्तराखंड में थी।
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जहां बर्खास्त मुख्यमंत्री दोबारा सीएम बन गया। इस दौरान काफी कम समय मिला। इस कारण मन में दो काम ना कर पाने की टीस रह गई। दोबारा सीएम बनने का मौका मिला तो वह जरूर करूगा। उन्होंने कहा कि पहला काम 16 हजार बेरोजगारों का नौकरी देने का काम दूसरा महिलाओं के लिए सार्वभौमिक पौष्टिक योजना। पांच साल भाजपा सरकार को होने वाले हैं लेकिन वे केवल सात हजार बेरोजगारों को ही नौकरी दे पाए हैं। कांग्रेस सरकार में जिन बेरोजगारों को रोजगार मिलना था वह भी ठंडे बस्ते में डाल दिया।
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आपको बता दें विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की लगातार पैरवी कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत और उनके समर्थकों को झटका लगा है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने अगला चुनाव सामूहिक नेतृत्व में ही कराए जाने के पार्टी के रुख को दोबारा दोहरा दिया। यही नहीं उन्होंने संगठन की सक्रियता को लेकर फिर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की पीठ थपथपाते हुए कहा कि वह प्रदेश में पार्टी का मजबूती से नेतृत्व कर रहे हैं। तीन दिनी दौरे के दौरान प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा था कि अगला विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा।