चमोली जिले के नंदप्रयाग-घाट सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर बीएसएनएल के टावर पर चढ़े एक आंदोलनकारी ने ठंड में ही टॉवर पर रात बिताई है। प्रशासन बीते दिन से उसे टावर से उतारने का प्रयास कर रही है। टावर पर चढ़े आंदोलकारी ने कहा कि यदि उसे जबरन उतारने के प्रयास किए तो वह टावर से कूदकर अपनी जान दे देगा। दरसल नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के डेढ़ लेन चौड़ीकरण की मांग को लेकर घाट विकासखंड में आंदोलन जारी है। आमरण अनशन स्थल से मध्य रात्रि को पुलिस ने मनोज कठैत और मनोज को जबरन उठाकर घाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया है। उनके समर्थन में दो अन्य ग्रामीण अनशन पर बैठ गए हैं। बीते रोज से मोबाइल टावर में चढ़े आंदोलनकारी गुड्डू लाल ने कड़ाके की ठंड के बाद भी टावर में ही रात गुजारी।
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करीब 24 घण्टे से गुड्डू लाल टावर पर ही अनशन कर रहा है। जबकि दूसरा आंदोलकारी मदन सिंह गुरुवार रात को उतर गया था। घाट में लोगों ने रातभर जागकर धरना प्रदर्शन किया है। पुलिस भी इस दौरान मौके पर ही मौजूद रही। वहीं आज भी घाट बाजार बन्द है और टैक्सियों का भी चक्का जाम है। घाट पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला है। पुलिस ने माइक से घोषणा की कि जो भी दुकान खोलना चाहता है, उसको पुलिस सुरक्षा देगी। जबरन दुकान बंद कराने पर कर्रवाई होगी। लेकिन कोई भी दुकान नहीं खुली। उधर प्रशासन आंदोलनकारियों को मनाने में जुटा है।
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नंदप्रयाग-घाट सड़क डेढ़ लेन बनाने की मांग को लेकर व्यापार संघ और टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में समर्थक पांच दिसंबर से धरने पर बैठे हैं। मांग पर कार्रवाई न होने पर 10 जनवरी से उन्होंने आमरण अनशन शुरू कर दिया था और उनके स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी थी। गुरुवार सुबह पुलिस और तहसीलदार धीरज राणा मौके पर पहुंचे और अनशनकारियों को जबरन उठाने का प्रयास किया, लेकिन भारी विरोध के चलते पुलिस को कदम पीछे खींचने पड़े।