देवभूमि उत्तराखंड की पावन धरती पर हरिद्वार में एक अप्रैल से शुरू हुए महाकुंभ 2021 में आने वाले नागा साधु अपने अजब-गजब श्रृंगार और पहनावे के चलते लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर रहे हैं। इन सबके बीच एक नागा बाबा ऐसे भी हैं जिन्होंने बीते 27 सालों से अपनी दाढ़ी ही नहीं बनाई है। जूना अखाड़ा के महंत इन नागा बाबा का नाम है विक्रम गिरि। नागा बाबा विक्रम गिरी की दाड़ी की लंबाई पौने छह फुट तक पहुंच गई है। मुरादाबाद के कुंदरकी ब्लाक के रहने वाले नाबा बाबा विक्रम गिरि महाकुंभ में जूना अखाड़ा की छावनी स्थित कल्पवास में हैं।
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1994 में संन्यास और 2004 में जूना अखाड़ा से नागा दीक्षा लेने वाले बाबा के मुताबिक उन्होंने 1994 से अपनी दाड़ी नहीं काटी। वे दाड़ी को सिर की जटाओं की तरह सहेज कर रखते हैं। आने जाने और रात्रि विश्राम में दाड़ी को समेट लेते हैं। बाबा की दाढ़ी श्रद्धालुओं के लिए कौतुक का विषय बनी हुई है। उन्हें देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। बाबा का कहना है कि दाड़ी लंबी करना ही उनका हठ योग है। बाबा से मिलने पहुंच रहे लोग उनकी दाढ़ी छूकर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं।
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वहीं, तुलसी चौक के किनारे गंगाघाट पर बैठे अजय गिरि उर्फ रुद्राक्ष बाबा ने 11 हजार रुद्राक्ष धारण किए हुए हैं। जिनका वजन 20 किलो के करीब है। गंगा घाट पर जप व तप में ध्यानमग्न नागा बाबा दिंगबर राघवगिरी ने बताया अपने सिर पर साढ़े तीन किलो रूद्राक्ष धारण किए गए है। रुद्राक्ष को शिवलिंग का रूप दिया गया है। महाकुंभ में आए संत दिगंबर दिवाकर भारती साढ़े चार साल से उर्द बाहु (बाएं हाथ) को ऊपर कर तपस्या में लीन हैं। उनका कहना है यह तपस्या आजीवन जारी रहेगी। उन्होंने हिमालय में अलग-अलग स्थानों पर तपस्या की है। उत्तराखंड के नैनीताल और पश्चिम बंगाल के आसनसोल में भी तपस्या की है।