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पहाड़ की बेटी: लॉकडाउन में आवारा गाय घर लायी हेमलता, अब 1 महीने बाद देने लगी 9 लीटर दूध

लॉकडाउन में लोग गौ सेवा को अपनी आजीविका मानकर करें तथा उसके दूध को बाजार में बेचें तो यह सभी युवाओं के लिए स्वरोजगार का अच्छा साधन हो सकता है। इसको को सच किया है उत्तराखण्ड की बेटी हेमलता ने। लॉकडाउन अवधि में पिथौरागढ़ रोड में ग्राम सभा खोलासुनार निवासी हेमलता जोशी को एक फेरवा गाय घायल अवस्था में मिली, इस गाय के शरीर पर बहुत अधिक चोट के निशान थे, गाय छांव में बैठकर हांफ रही थी, जिसे देख हेमलता के मन में गौ सेवा का भाव उमड़ पड़ा। उन्होंने प्यार से गाय के शरीर पर हाथ फेरा तो गाय अपने मालिक की तरह उनके मुंह की तरफ देख कर उनके हाथ को चाटने लगी।

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यह सब देख हेमलता अत्यंत भाव विभोर हो गई, उन्होंने अपने पति हरीश चंद्र जोशी जी से इस गाय को घर लाने के लिए कहा तत्पश्चात दोनों पिथौरागढ़ रोड पहुंचे और बहुत बड़ी मेहनत मशक्कत के बाद इस गाय को अपने छतरी तिराहे के पास स्थित घर पर ले आए जहां पर टिन का एक टेंपरेली सेट बनाकर गाय की सेवा करने लगे मात्र 1 महीने की सेवा के उपरांत गाय ने सुंदर बछड़े को जन्म दिया है, अब गाय एक समय में लगभग 3 लीटर दूध दे रही है और हेमलता दिन में तीन बार दूध निकाल रही हैं, उनका कहना है कि गाय के दूध से उनके घर में किचन के खर्च में कमी आई है, तथा उसके दूध को बाजार में बेचकर अन्य खर्चों की भी पूर्ति हो रही है, उनका कहना है कि इन परिस्थितियों में लॉकडाउन में लोग गौ सेवा को अपनी आजीविका मानकर करें तथा उसके दूध को बाजार में बेचें तो यह सभी युवाओं के लिए स्वरोजगार का अच्छा साधन हो सकता है।


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